29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

मेट्रो शेड कार मामले में राजनीति तेज, महाराष्ट्र सरकार कर सकती है सुप्रीम कोर्ट का रुख

महाराष्ट्र सरकार बंबई हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रही है. कोर्ट ने मेट्रो कार शेड के लिए कांजुरमार्ग साल्ट पैन में 102 एकड़ भूमि आवंटित करने के आदेश पर बंबई उच्च न्यायालय के रोक लगा दी है. अब महाराष्ट्र सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है. दूसरी तरफ भाजपा इस मामले में मुख्यमंत्री के बेटे और राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का इस्तीफा मांग रही है.

महाराष्ट्र सरकार बंबई हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रही है. कोर्ट ने मेट्रो कार शेड के लिए कांजुरमार्ग साल्ट पैन में 102 एकड़ भूमि आवंटित करने के आदेश पर बंबई उच्च न्यायालय के रोक लगा दी है. अब महाराष्ट्र सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है. दूसरी तरफ भाजपा इस मामले में मुख्यमंत्री के बेटे और राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का इस्तीफा मांग रही है.

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने यह संकेत दिये हैं उन्होंने कहा, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गोरेगांव उपनगर के आरे में बनने वाले मेट्रो कार शेड को कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने का फैसला लगता है कि कई लोगों को पसंद नहीं आया और इसलिए ही केन्द्र ने इतना ‘‘ बड़ा कदम” उठाया है.

उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ संविधान और कानून में, अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का प्रावधान है. इसलिए, हम इस पर विचार करेंगे.” बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कांजुरमार्ग साल्ट पैन में मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए 102 एकड़ भूमि आवंटित करने के मुम्बई उपनगर जिला कलेक्टर के ओदश पर रोक लगा दी.

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी की खंडपीठ ने अधिकारियों के वहां निर्माण कार्य करने पर भी रोक लगा दी है . भाजपा नीत पूर्व महाराष्ट्र सरकार ने कई पर्यावरणविद और कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद मुम्बई मेट्रो लाइन-3 के कार शेड को आरे कॉलोनी में बनाने का फैसला किया था.

Also Read: 5 मिनट में खत्म हो जायेगा किसान आंदोलन ! संजय राउत ने मोदी सरकार को सुझाया रास्ता

कार शेड के निर्माण के लिए वहां बहुत सारे पेड़ों को काटा जाना था, जिसका विरोध किया जा रहा था. मौजूदा एमवीए सरकार ने हाल में इसे आरे से कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने का फैसला किया. शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस एमवीए में शामिल हैं. केन्द्र सरकार का दावा है कि महाराष्ट्र कांजुरमार्ग की भूमि केन्द्र के सॉल्ट विभाग के अधीन आती है और एमवीए सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए उसने एक अक्टूबर 2020 को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी.

पवार ने कहा, ‘‘ चाहे केन्द्र हो या राज्य सरकार” किसी को भी विकास कार्य में बाधा नहीं डालनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने (रांकापा प्रमुख शरद) पवार साहेब का 50 से 55 साल का राजनीतिक करियर देखा है. मैं खुद भी पिछले 30 साल से राजनीति में हूं. मैंने कभी विकास कार्यों को लेकर राजनीति नहीं की, बल्कि हमने उनमें मदद ही की है.”

महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि वह अदालत के आदेश की विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उसके मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि यह भूमि मेट्रो परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सरकार के लगभग 5,500 करोड़ रुपये बचेंगे.

Also Read: 10 एसी लोकल ट्रेन की 17 दिसंबर से हो रही है शुरुआत, चलेगी इन रास्तों पर

भाजपा नेता अतुल भातखलकर ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा को ‘‘नीचा दिखाने” के इरादे से शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार ने मेट्रो कार शेड परियोजना आरे कॉलोनी से कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने का फैसला किया था. भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने परियोजना को कांजुरमार्ग ले जाने पर जोर देने के लिए मुख्यमंत्री के बेटे और राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे का इस्तीफा मांगा.

भाषा इनपुट के साथ

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें