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मणिपुर : इंफाल के पहाड़ी गांवों के घरों में आग लगाने वाले 22 उपद्रवी गिरफ्तार

उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच अचानक झड़प तथा गोलीबारी की घटना के एक दिन बाद जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में स्थिति शांत है, लेकिन इलाके में तनाव बना हुआ है. इंफाल घाटी और आसपास के जिलों में सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों का तलाशी अभियान जारी है.

इंफाल : पूर्वोत्तर भारत के हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर के इंफाल के तीन गांवों के घरों में आग लगाने वाले करीब 22 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स ने सोमवार को कहा कि मणिपुर के इंफाल में वाईकेपीआई के पहाड़ी क्षेत्र के सनसाबी, ग्वालताबी और शबुनखोल खुनाओ गांवों में घरों को जलाने की घटना में 22 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पांच 12 बोर डबल बैरल और तीन सिंगल बैरल राइफलें, स्थानीय हथियार और युद्ध जैसी सामग्री बरामद किया गया है.

हिंसा के एक दिन बाद तनावपूर्ण स्थिति

उधर, खबर यह भी है कि उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच अचानक झड़प तथा गोलीबारी की घटना के एक दिन बाद जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में स्थिति शांत है, लेकिन इलाके में तनाव बना हुआ है. अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान तीन और लोगों के दम तोड़ने के बाद एक दिन पहले हुई झड़पों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर सोमवार को पांच हो गई.

सेना और अर्धसैनिक बलों का तलाशी अभियान जारी

एक अधिकारी ने बताया कि इंफाल घाटी और आसपास के जिलों में सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों का तलाशी अभियान जारी है. उन्होंने बताया कि सेना के अभियान का मकसद हथियारों के अवैध जखीरे को खोजना तथा जब्त करना है. पुलिस ने रविवार को बताया था कि लोगों पर गोलीबारी तथा उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम दो लोग मारे गए और 12 घायल हो गए.

40 उग्रवादी किए गए ढेर

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा था कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से मकानों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल हथियारों से लैस करीब 40 उग्रवादियों को मार गिराया है. अधिकारियों ने बताया कि ताजा संघर्ष तब शुरू हुआ जब सेना ने शांति कायम करने के लिए समुदायों को हथियारों से मुक्त करने को लेकर तलाशी अभियान शुरू किया.

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हिंसक झड़प में 75 लोगों की चली गई जान

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद से मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों में नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

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