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पाकुड़: छात्रा की मौत पर पिता का आरोप-कपड़े से पहचाना बेटी को, छूने तक नहीं दिया, पुलिस आज कब्र से निकालेगी शव

पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा स्थित लबदा घाटी मिशन स्कूल की छात्रा की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इधर दो अन्य छात्राओं का इलाज चल रहा है. मृतक छात्रा के पिता ने अप्रिय घटना घटने की आशंका जताई है. वहीं, बिना पोस्टमार्टम के शव दफनाने पर भी सवाल उठाए गए हैं. पुलिस आज मनीषा का शव निकालेगी.

Jharkhand News: पाकुड़ जिला के लिट्टीपाड़ा थाना क्षेत्र स्थित लबदा घाटी आवासीय मिशन स्कूल की छात्रा की मौत के पांचवें दिन मनीषा मालतो (14) के शव को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शुक्रवार को निकाला जायेगा. बरहरवा एसडीपीओ प्रदीप कुमार उरांव ने बताया, मृतक नाबालिग के शव को दुमका अस्पताल भेजा जायेगा. वहां पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया जायेगा. पूछताछ के दौरान प्रथम दृष्टया पता चला है कि मामला प्वाइजनिंग का है. लेकिन, पोस्टमार्टम के बाद ही मामला साफ हो पायेगा. वहीं, चंद्रगौड़ा मिशन अस्पताल में भर्ती दो अन्य छात्राओं सबीना मालतो (14) और रेबिका पहाड़िन (12) की स्थिति में सुधार है. लिट्टीपाड़ा थाना प्रभारी अरुणिमा बागे गुरुवार को लबदा घाटी मिशन स्कूल पहुंची. जांच के बाद वहां से वो चंद्रगौड़ा मिशन अस्पताल भी गयी. उन्होंने बताया, डॉक्टरों से जानकारी मिली कि किसी जहरीले जीव के काटने से छात्राओं की तबीयत बिगड़ी है. गंभीर रूप बीमार बच्चियों को एंटी वेनम डोज दिया गया है. स्थिति बेहतर है.

इस बीच, मनीषा के पिता ने लिट्टीपाड़ा थाना में लिखित शिकायत की है. उन्होंने लबदा घाटी मिशन स्कूल और चंद्रगोडा मिशन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. आवेदन में कहा है कि रांगा थाना क्षेत्र निवासी मनीषा का नामांकन 20 जून 2023 को कराया था. 23 जुलाई की सुबह 7:30 बजे स्कूल से कॉल आया कि उनकी पुत्री काफी बीमार है. बरहेट थाना क्षेत्र अंतर्गत चंद्रगौड़ा मिशन अस्पताल में भर्ती है. इसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ अस्पताल पहुंचे, तो पाया कि तीन बच्चियां बेड पर अचेत अवस्था में पड़ी हुई थी. उनकी आंखों में रूई की पट्टी बंधी हुई थी और चेहरा ढंका हुआ था.

अस्पताल के डॉक्टर ने बेटी को पहचानने को कहा, तो कपड़े से उसकी पहचान की. इस दौरान बच्ची को छूने या बात करने नहीं दिया गया. पिता का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मुझे तुरंत बाहर जाने को कहा गया. बच्ची की अवस्था को देखकर विचलित हो गया, पत्नी के साथ रोने लगे. दिन के लगभग 3:30 बजे डॉक्टर ने बताया कि मनीषा की मौत हो गयी. इसके बाद तुरंत अस्पताल द्वारा निजी वाहन से बेटी के शव को गांव तक पहुंचा दिया गया. बेटी की मृत्यु का कारण नहीं बताया गया. पिता ने अप्रिय घटना घटने की आशंका जताते हुए जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है.

क्या कहते हैं स्कूल प्रबंधक

स्कूल प्रबंधक वर्णवास हांसदा ने बताया कि 23 जुलाई की रात करीब दो बजे विद्यालय के छात्रावास में सो रही रेबिका पहाड़िन काे अचानक पेट दर्द होने लगा. हमलोग बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लिट्टीपाड़ा ले गये. यहां प्राथमिक उपचार किया गया. इसी दौरान विद्यालय से फोन आया कि और दो बच्ची मनीषा पहाड़िन और सबीना पहाड़िन का भी पेट दर्द हो रहा है. इसी को देखते हुए तीनों बच्ची को हमलोग बरहेट थाना क्षेत्र के चंद्रगोड़ा मिशन हॉस्पिटल ले गये. यहां इलाज के दौरान मनीषा पहाड़िन की मौत हो गयी. शव को हॉस्पिटल प्रबंधक द्वारा कागजी प्रक्रिया के पश्चात परिजनों को सौंप दिया गया. दो बच्ची का इलाज चल रहा है.

क्या कहते हैं एसडीओ

एसडीओ हरिवंश पंडित ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही गुरुवार को लिट्टीपाड़ा बीडीओ संजय कुमार के साथ लबदाघाटी मिशन स्कूल गये थे. इस दौरान कई तरह की लापरवाही स्कूल में देखने को मिली, जिसकी रिपोर्ट डीसी को सौंपी जायेगी. घटना को लेकर डॉक्टरों से जानकारी मिली है कि बुधवार को बीमार बच्चियों को एंटी वेनम इंजेक्शन दिया गया, जिसके बाद से स्वास्थ्य सुधार हो रहा है. इससे समझ में आता है कि सांप के काटने से बच्चियों की तबीयत बिगड़ी होगी. स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चियों का पोस्टमार्टम नहीं कराना भी लापरवाही है, इससे मौत के कारण का पता चल पाता.

  • बिना पोस्टमार्टम के ही दफना दिया मनीषा मालतो का शव, पुलिस आज निकालेगी

  • शव को निकालने के लिए रांगा थाना क्षेत्र के बासकोला गांव पहुंचे मजिस्ट्रेट व पुलिस

  • दो अन्य छात्राओं की स्थिति में सुधार

  • जांच करने स्कूल पहुंचे एसडीओ, पोस्टमार्टम नहीं कराने पर उठाये सवाल

  • 23 जुलाई को स्कूल की तीन बच्चियों को चंद्रगोड़ा मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था

  • इनमें एक की 23 को ही हो गयी थी मौत, बुधवार देर रात हुआ मामले का खुलासा

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पाकुड़: छात्रा की मौत पर पिता का आरोप-कपड़े से पहचाना बेटी को, छूने तक नहीं दिया, पुलिस आज कब्र से निकालेगी शव 2

स्कूल में पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

2013 में चार छात्राओं से हुआ था गैंग रेप

ईसीआई मिशन स्कूल की स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी. स्कूल अपने शुरुआती दौर से ही सुर्खियों में रहा है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में विद्यालय की चार छात्राओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गयी थी.

पिछले साल दो बच्चों की हुई थी मौत

22 जून 2022 को ईसीआई मिशन स्कूल के दो नाबालिग छात्रों की अचानक तबीयत बिगड़ गयी थी. दोनों छात्राओं की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.

जमीन पर सोते हैं बच्चे

ईसीआई मिशन स्कूल लबदाघाटी घाटी की स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी. आज भी यहां के बच्चे जमीन पर सोने को मजबूर हैं. विद्यालय प्रबंधक वर्णवास हांसदा ने बताया विद्यालय में कुल 218 नामांकित बच्चे हैं. विद्यालय के हॉस्टल में कुल 123 बच्चे रह रहे हैं, जिनमें 76 छात्र एवं 47 छात्राएं शामिल हैं. बच्चों के रहने के लिए दो अलग-अलग छात्रावास है. हॉस्टल में करीब 14 बेड है. बाकी बच्चे जमीन पर सोते हैं.

रांची में हो बच्चियों का बेहतर इलाज : बाबूलाल

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने घटना को लेकर ट्विटर एवं फेसबुक पर पोस्ट किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से एयर एंबुलेंस के सहारे बीमार बच्चियों को रांची बुलाकर बेहतर इलाज कराने की मांग की है.

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