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गया के SSB ट्रेनिंग सेंटर में फायरिंग के दौरान हादसा, 10 बच्चों को लगा मोर्टार का छर्रा

एसएसबी ट्रेनिंग सेंटर में प्रैक्टिस फायरिंग के दौरान लगभग 10 बच्चे घायल हो गये हैं. सभी बच्चों को मोर्टार का छर्रा लगा है. सभी का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है. घटना बाराचट्टी थाना अंतर्गत गूलरवेद की है.

गया. एसएसबी ट्रेनिंग सेंटर में प्रैक्टिस फायरिंग के दौरान लगभग 10 बच्चे घायल हो गये हैं. सभी बच्चों को मोर्टार का छर्रा लगा है. सभी का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है. घटना बाराचट्टी थाना अंतर्गत गूलरवेद की है. मिली जानकारी के अनुसार गूलरवेद में उत्तर प्रदेश के झिगा एसएसबी कैंप के जवानों ट्रेनिंग चल रहा है है. ट्रेनिंग के दौरान आज मोर्टार से फायरिंग की जा रही थी. इसी क्रम में छर्रे की चपेट में आने से 10 बच्चे घायल हो गये हैं. घायलों को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

एक घायल के गर्दन में छर्रा लगा है

घायल बच्चे बाराचट्टी थाना के गूलरवेद के ही रहने वाले हैं. सभी की उम्र 18 वर्ष से कम बतायी जा रही है. घायलों में उत्तम कुमार, अंकित कुमार, कपिल कुमार, बबलू कुमार, मुकेश कुमार, अलू कुमार, नीतीश कुमार, मुकेश कुमार, शिव कुमार, मिथिलेश कुमार शामिल है. अधिकतर बच्चे महादलित समाज से हैं. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सविउल हक ने बताया कि एक घायल के गर्दन में छर्रा लगा है, जबकि अन्य युवकों को मामूली चोटें आयी हैं. मगध मेडिकल कॉलेज में सभी घायलों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है.

ग्रामीण समझने को तैयार नहीं

इधर, घायल युवकों का कहना है कि वे लोग फायरिंग जोन के इलाके से कुछ दूरी पर बैठ कर मोबाइल देख रहे थे. इस दौरान गोला फटने से उसकी चपेट में आ गये. बाद में मामले की सूचना गांववालों को हुई. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया. वहीं, बुमेर पंचायत के मुखिया संजीव कुमार ने बताया कि उनके द्वारा कई दिन पहले माइक से एलाउंस करवाया गया था कि जब फायरिंग जोन में गोला छूटता है, तो कोई भी व्यक्ति वहां नहीं जायेगा. लेकिन, ग्रामीण समझने को तैयार नहीं हैं. इस कारण ऐसे हादसे हो रहे हैं. सरपंच नाथोन यादव भी लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. लेकिन, इन लोगों के समझाने के बाद भी ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही हैं. कई बार तो लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है.

क्या कहते हैं थानाध्यक्ष

थानाध्यक्ष राम लखन पंडित ने बताया कि गांव में फायरिंग होने की सूचना पहले दे दी जाती है और पूरा इलाका सील कर दिया जाता है. इसके बाद भी कुछ लोग संबंधित इलाके में गोला चुनने के लिए चले जाते हैं. इस कारण ऐसी घटना हो रही है. फिलहाल स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन सामने आया है कि किसी सुरक्षा बल के फायरिंग रेंज में प्रैक्टिस के दौरान यह घटना घटी है. मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस जानकारी जुटा रही है.

मनफर विघी का इलाका है फायरिंग जोन

गौरतलब है कि फायरिंग जोन मनफर विघी का इलाका है. यहां सेना व अर्धसैनिक बल के जवान फायरिंग का अभ्यास करते हैं. वर्तमान में एसएसबी की एक कंपनी, जो उत्तर प्रदेश से आयी है, उसके द्वारा फायरिंग का अभ्यास किया जा रहा है. वहीं, वीरपुर से भी एक कंपनी फायरिंग के लिए आयी है. यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से चल रहा है. संबंधित इलाके में मनफर गांव के बगल के पहाड़ी इलाके में गोला गिरता है.

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