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आइसक्रीम का कारोबार हुआ बर्बाद, सैकड़ों लोगों के रोजगार पर संकट

जहानाबाद : लॉकडाउन में जिले के लघु-कुटीर उद्योगों पर विपरीत असर पड़ा है. गत एक महीने में कई उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं, जिनमें आइसक्रीम उद्योग प्रमुख है. जिले में करीब आधा दर्जन फैक्टरियां शहर में तथा इतनी ही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं. इन फैक्टरियों का कारोबार फरवरी […]

जहानाबाद : लॉकडाउन में जिले के लघु-कुटीर उद्योगों पर विपरीत असर पड़ा है. गत एक महीने में कई उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं, जिनमें आइसक्रीम उद्योग प्रमुख है. जिले में करीब आधा दर्जन फैक्टरियां शहर में तथा इतनी ही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं. इन फैक्टरियों का कारोबार फरवरी से लेकर सितंबर महीने तक जोरों पर रहता था. वहीं शादी-विवाह के मौसम में भी काफी डिमांड रहती थी पर लॉकडाउन ने जिले की आइसक्रीम उद्योग की कमर तोड़कर रख दी है. वहीं देश की आइसक्रीम कंपनियों की बिक्री से जुड़े जिले के व्यवसायियों की स्थिति भी इससे अलग नहीं है. आइसक्रीम शॉप और एजेंसी के मालिकों का भी अच्छा-खासा नुकसान हुआ है.

आइसक्रीम के थोक व्यवसायी नवीन शंकर बताते हैं कि इन फैक्टरियों में औसतन 10 मजदूर काम करते हैं. ऐसे जिले भर में 200 परिवारों के सामने रोजगार का संकट आ गया है. वहीं आइसक्रीम बेचने वाले ठेले जिले में 250-300 की संख्या में हैं. उनके सामने भी भूखे मरने की नौबत है. ठेले से आइसक्रीम बेचनेवाले अभी अपना धंधा बदल फल व सब्जी बेच किसी तरह घर का चूल्हा जला रहे हैं. शहर में 20 से 30 दुकानें आइसक्रीम शॉप की है, उनको भी काफी नुकसान हुआ है. एक आकलन के अनुसार जिले के व्यवसायियों को 75 लाख रुपये के करीब का नुकसान हुआ है.

वहीं ठेले पर आइसक्रीम बेचने वाले इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. साथ ही मजदूर जो फैक्टरियों से जुड़े हुए थे. आइसक्रीम फैक्टरियों के लिए फरवरी से लेकर सितंबर तक का समय सीजन का रहता था. खासकर शादी-विवाह के मौसम इनकी बिक्री बहुत ज्यादा होती थी लेकिन कोरोना महामारी ने सब कुछ चौपट कर दिया.आइसक्रीम बेचनेवालों के सामने भुखमरी की नौबतशहर और गांव में घूम-घूम कर आइसक्रीम बेचने वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस की महामारी काफी बुरा दौर लेकर आयी.

इस मौसम में अभी आइसक्रीम वाले की आवाज सुनते ही बच्चे दौड़ पड़ते थे. वहीं बड़े-बुजुर्ग भी गर्मी से राहत पाने के लिए आइसक्रीम का लुत्फ उठाने से नहीं चूकते थे, लेकिन आइसक्रीम फैक्टरी बंद होने से उत्पादन ठप है और प्रतिबंध के कारण इसकी बिक्री पर भी रोक है. कोरोना को लेकर लोग ठंडे पदार्थों के सेवन से बच रहे हैं. ऐसे में इन आइसक्रीम रिक्शावालों के सामने भुखमरी की नौबत है.

आइसक्रीम विक्रेता रंधीर, सुनील कुमार, गोरख, राजू और संजीत बताते हैं कि घर चलाने के लिए कई लोगों ने फल सब्जी बेचना शुरू कर दिया है. वहीं कुछ लोग दूसरों की मदद और सरकारी राशन के सहारे घर चला रहे हैं. अगर लॉकडाउन लंबा खींच गया तो फिर आइसक्रीम व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों लोगों के सामने भुखमरी की नौबत आ जायेगी. वहीं पूंजी डूब जाने से व्यवसाय को फिर से शुरू करना भी काफी मुश्किल हो जायेगा.

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