27.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

झारखंड में भूमिगत खान से कोयला निकालने में 10 गुना अधिक राशि हो रही खर्च

सीसीएल के अंडर ग्राउंड माइंस का आउटपुट प्रति मैनशिफ्ट (ओएमएस) काफी कम है. बीते साल इसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ था. इससे पहले के सालों में स्थिति बहुत ही खराब थी. भूमिगत खान से कोयला निकालने में 10 गुना अधिक राशि खर्च हो रही है.

Jharkhand News: सीसीएल भले ही मुनाफे में चल रहा है, परंतु कंपनी के बंद व चालू अंडरग्राउंड (भूमिगत) माइंस से हर साल करोड़ों रुपये का घाटा हो रहा है. कंपनी को लाभ आउटसोर्सिंग व ओपेन कास्ट प्रोजेक्ट (ओसीपी) से हो रहा है. सीसीएल में अभी सिर्फ एक अंडर ग्राउंड माइंस से ही उत्पादन हो रहा है. इसका उत्पादन खर्च ओपेन कास्ट की तुलना में करीब 10 गुना अधिक है. कंपनी में कुल चार अंडर ग्राउंड माइंस था, जिसमें सिर्फ एक ही चल रहा है. कंपनी के सात कोल फील्ड एरिया में कुल 43 खदानें हैं. इसमें 38 ओपेन कास्ट है. पांच अंडर ग्राउंड खदान है. इसमें केवल चुरी वाला अंडर ग्राउंड माइंस ही चल रहा है. वहां से भी उत्पादन नाम मात्र ही है.

Also Read: झारखंड में 13 हजार करोड़ से बन रहे हाई-वे और एक्सप्रेस-वे, इन परियोजनाओं पर किया जा रहा काम
एक एमटी भी नहीं होता है यूजी से उत्पादन

सीसीएल में अंडर ग्राउंड खदान से एक मिलियन टन कोयला का उत्पादन भी नहीं होता है. बीते साल (2021-22) कंपनी ने अंडर ग्राउंड खदान से सिर्फ 0.75 मिलियन टन कोयला का ही उत्पादन किया. वहीं कुल उत्पादन करीब 68.84 मिलियन टन था. कंपनी का कुल उत्पादकता 9.37 टन था. इसमें ओसीपी का उत्पादकता 10.16 तथा अंडर ग्राउंड माइंस का 1.17 टन था. यूजी की तुलना में ओसीपी का उत्पादकता करीब 10 गुना अधिक था. हालांकि, कंपनी ने 2020-21 की तुलना में अंडर ग्राउंड माइंस से करीब 78 फीसदी अधिक उत्पादन किया था.

कम है अंडर ग्राउंड माइंस का ओएमएस

सीसीएल के अंडर ग्राउंड माइंस का आउटपुट प्रति मैनशिफ्ट (ओएमएस) काफी कम है. बीते साल इसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ था. इससे पहले के सालों में स्थिति बहुत ही खराब थी. 2016 में कंपनी के यूजी का ओएमएस 0.29 था, यह बढ़कर अभी 1.17 एमटी है. वहीं ओपेन कास्ट का ओएमएस 10.16 एमटी है. यह पिछले सात सालों से नौ और 10 मिलियन टन के आसपास ही रहा है.

अंडर ग्राउंड खदान कंपनी की कमजोरी

कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में अंडर ग्राउंड खदान को कंपनी का कमजोरी बताया गया है. इसमें कहा गया है कि सीसीएल की अंडर ग्राउंड खदान का प्रदर्शन अच्छा नहीं है. इस कारण यहां के यूजी का उत्पादन नहीं बढ़ रहा है. इसके लिए अत्याधुनिक मशीन लगाने की जरूरत है. चुरी खदान में प्रयास किया गया है. इसका असर दिख भी रहा है. पिपरवार और परेज अंडर ग्राउंड माइंस शुरू होने से यहां उत्पादन और बढ़ सकता है.

क्या है अंडर ग्राउंड और ओपेन कास्ट का ओएमएस (एमटी)

  • वर्ष यूजी ओसीपी

  • 2016-17 0.294 9.808

  • 2017-18 0.194 9.372

  • 2018-19 0.214 9.740

  • 2019-20 0.54 10.06

  • 2020-21 0.44 9.57

  • 2021-22 1.17 10.16

अंडर ग्राउंड माइनिंग में एक से अधिक ओएमएस होने से अच्छा कहा जाता है. वहीं, ओपेन कास्ट में यह 3.7 से अधिक होने पर अच्छा कहा जाता है. कंपनी इसको बढ़ाने के लिए कई नयी तकनीकी का उपयोग करती है. इसका असर कंपनियों पर दिखता है.

विनय रंजन, डीपी, कोल इंडिया

रिपोर्ट : मनोज सिंह, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें