बेहतर रख सकते हैं ऊर्जा और स्वास्थ्य का स्तर, ये हैं छठ पर्व के वैज्ञानिक पहलू

Prabhat Khabar Digital Desk

सूर्य उपासना करने से हम अपनी ऊर्जा और स्वास्थ्य का स्तर बेहतर बनाये रख सकते हैं. इसके अलावा शरीर की आरोग्य क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं.

छठ पर्व के वैज्ञानिक पहलू | Prabhat Khabar

षष्ठी तिथि (छठ) एक विशेष खगोलीय अवसर होता है. इस समय सूर्य की पराबैंगनी किरणें पृथ्वी की सतह पर सामान्य से अधिक मात्रा में एकत्र हो जाती हैं. उसके संभावित कुप्रभावों से रक्षा करने का सामर्थ्य इस परंपरा में रहा है.

छठ पर्व के वैज्ञानिक पहलू | Prabhat Khabar

मानव शरीर में रंगों का संतुलन बिगड़ने से कई तरह के रोग होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में सुबह के समय सूर्यदेव को अर्ध्य देने से शरीर पर पड़ने वाले प्रकाश से रंग संतुलन बना रहता है.

छठ पर्व के वैज्ञानिक पहलू | Prabhat Khabar

सूर्य के प्रकाश और इस पर रंगों के प्रभाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधात्मकता क्षमता बढ़ जाती है. साथ ही सूर्य की रोशनी से मिलने वाला विटामिन डी भी शरीर को मिलता है.

छठ पर्व के वैज्ञानिक पहलू | Prabhat Khabar

छठ पूजा की विधि द्वारा ही वे भोजन-पानी से अप्रत्यक्ष तौर पर प्राप्त होने वाली ऊर्जा के बजाय सूर्य के संपर्क से सीधे ऊर्जा प्राप्त कर लेते थे.

छठ पर्व के वैज्ञानिक पहलू | Prabhat Khabar

इस मौसम में सूर्यदेव का ताप पृथ्वी पर कम पहुंचता है. व्रत करने के दौरान सूर्य की किरणों से मिलने वाली ऊर्जा का शरीर में संचय होता है, ताकि हम सर्दी में स्वस्थ रहें.

छठ पर्व के वैज्ञानिक पहलू | Prabhat Khabar

अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान सूर्य की रोशनी के प्रभाव में आने से कोई चर्म रोग नहीं होता और इंसान निरोगी रहता है.

छठ पर्व के वैज्ञानिक पहलू | Prabhat Khabar