32.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

यात्रियों को सुरक्षित हवाई यात्रा कराना बड़ी चुनौती : निदेशक

लॉकडाउन से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. पहले यहां से विभिन्न शहरों के लिए 30 से अधिक फ्लाइट उड़ान भरती थी, वर्तमान में महज 9-10 फ्लाइट उड़ान भर रही है. कई शहरों के लिए अब भी विमान सेवा शुरू नहीं हुई है. वहीं, कार्गो सेवा से महज 40 से 50 प्रतिशत ही सामानाें की आवाजाही हो रही है.इस बारे में एयरपोर्ट निदेशक विनोद शर्मा से प्रभात खबर के संवाददाता राजेश झा ने विस्तार से बातचीत की.

लॉकडाउन से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. पहले यहां से विभिन्न शहरों के लिए 30 से अधिक फ्लाइट उड़ान भरती थी, वर्तमान में महज 9-10 फ्लाइट उड़ान भर रही है. कई शहरों के लिए अब भी विमान सेवा शुरू नहीं हुई है. वहीं, कार्गो सेवा से महज 40 से 50 प्रतिशत ही सामानाें की आवाजाही हो रही है.इस बारे में एयरपोर्ट निदेशक विनोद शर्मा से प्रभात खबर के संवाददाता राजेश झा ने विस्तार से बातचीत की.

अभी कितनी फ्लाइट उड़ रही है?

वर्तमान में नौ फ्लाइट विभिन्न शहरों के लिए उड़ान भर रही है. इसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व हैदराबाद के लिए फ्लाइट है. प्रतिदिन इंडिगो का चार, गो एयरवेज का तीन, एयर एशिया व विस्तार एयरवेज का एक-एक विमान उड़ान भरता है. एयर इंडिया की विमान नियमित नहीं है.

कोराना में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

कोराना काल में यात्रियों को सुरक्षित हवाई यात्रा कराना व अपने कर्मियों को संक्रमण से बचाना सबसे बड़ी चुनौती है. इसके लिए डीजीसीए द्वारा निर्धारित नियमों का पालन किया जा रहा है. यात्रियों को दो घंटे पहले एयरपोर्ट बुलाया जाता है. यात्री को सेल्फ डिक्लियरेशन फाॅर्म भरना पड़ता है. यात्री अपने साथ एक हैंड बैगेज व एक रजिस्टर्ड बैग ही ला सकते हैं. दोनों बैग काे एयरपोर्ट के बाहर ही सैनिटाइज किया जाता है. इंट्री के समय यात्री की थर्मल स्कैनिंग की जाती है. सिक्यूरिटी एरिया में सीआइएसएफ के जवान मशीन से जांच करते हैं. जांच मशीन में अब लंबा डंडा लगाया गया है.

आनेवाले यात्रियों के लिए क्या व्यवस्था है?

दूसरे शहर से आनेवाले यात्रियों को 10-10 के बैच में उतारा जाता है, ताकि सोशल डिस्टैंसिंग का पालन हो. एराइवल एरिया में सरकार के कर्मी 14 दिन के होम कोरेंटाइन का मुहर लगाते हैं.

रांची से जानेवाले यात्रियों की संख्या कम क्यों हो गयी है?

दूसरे शहर से अानेवाली फ्लाइट फुल हैं. वहीं, रांची से जानेवाले यात्री 50 प्रतिशत ही हैं. इसका कारण है कि संक्रमण के कारण अब लोग मूवमेंट कम कर रहे हैं. जरूरतमंद ही जा रहे हैं.

कौन सा प्रोजेक्ट प्रभावित हुआ?

कोराना काल में तीन माह एयरपोर्ट बंद रहा. वहीं, रनवे की री-कारपेटिंग काम स्थगित कर दिया गया. एटीसी बिल्डिंग जो अगस्त तक पूरी होनी था, वह भी नहीं बन सकी.

शॉप व पार्किंग शुल्क कैसे लेंगे?

टर्मिनल बिल्डिंग के शाॅप व पार्किंग क्षेत्र तीन माह से बंद थे. इससे एयरपोर्ट को रेंट आता है. पूरे देश के लिए एक गाइडलाइन बनायी जा रही है. उन्हें अवश्य छूट दी जायेगी.

आगे अनलॉक में नयी विमान सेवा करने की कोई योजना.

अन्य शहरों के लिए फ्लाइट बढ़ेगी. पहले उन फ्लाइट को शुरू करना है, जो लॉकडाउन से पहले उड़ान भरती थी. अभी रांची-कोलकाता के लिए फ्लाइट नहीं है, उसे शुरू करने का प्रयास है.

कार्गो सेवा में क्या प्रभाव पड़ा?

अभी 50% ही कार्गो की आवाजाही हो रही है. इससे एयरपोर्ट व एयरलाइंस को घाटा हो रहा है.

अभी सबसे बड़ी प्राथमिकता क्या है?

यात्रियों के साथ-साथ कर्मियों को कोरोना संक्रमित होने से बचाना. इसके लिए मास्ट, सैनिटाइजर, दस्ताना मुहैया कराना. जो भी घाटा हो रहा है, उसे लाइन पर लाना है. अधिक से अधिक फ्लाइट शुरू करना.

वापस जानेवाले यात्रियों के लिए क्या नियम है?

72 घंटे के बीच में वापस जाना है, तो जा सकते हैं. इसके लिए वापसी का प्रूफ दिखाना होगा. तो कोरेंटाइन का स्टैंप नहीं लगेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें