देवघर: शहर से महज कुछ किलोमीटर दूर मिश्र जमुआ गांव स्थित एक हरिजन बस्ती. जहां पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. पगडंडियों और खेत में घुस कर लोग अपने घरों तक पहुंचते हैं. बस्ती के चारों तरफ जोतदारों का खेत हैं, जबकि बीच में 200-250 लोगों की बस्ती. अमूमन इस बस्ती में खेतीहर मजदूर रहते हैं. जो शहर में दो जून की रोटी जुगाड़ करने के लिए व दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. बामुश्किल पेट भर पाता है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई तो दूर की बात है.
ऐसे ही गांव में पिछले डेढ़ वर्षो से ऑक्सफोर्ड इंगलिश सेंटर के संचालक मनोज कौशिक व उनकी चार सदस्यीय टीम (अरविंद, अक्षय, महेश व राकेश) ने शिक्षा का अलख जगाना शुरू किया. इन लोगों ने बस्ती के 100 से अधिक बच्चों को पहले चरण में साक्षर बनाने का काम किया यही नहीं जो बच्चे साक्षर हो गये उन्हें पास के स्कूल में दाखिला भी करवाया. जब इस बात की जानकारी एसपी सुबोध प्रसाद को मिली तो मंगलवार को गांव पहुंचे व बच्चों से मिल कर शिक्षा में आने वाले रोड़े को दूर करने की बात कही थी.
इसी क्रम में बुधवार को कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत एसपी ने मिश्र जमुआ गांव के हरिजन बस्ती के बच्चों को साल भर की पढ़ाई के लिए कॉपी, कलम, पेंसिल, स्कूल बैग, कुर्सी-टेबुल व राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले महापुरुषों (बापू, आंबेडकर व कविगुरु) की जीवनी से संबंधित साहित्य की पुस्तकें वितरित की. इसके अलावा बच्चों के अभिभावकों के बीच धोती, साड़ी, कंबल आदि भी वतरित किया गया. एसपी श्री प्रसाद ने लोगों से कहा जब तक जज्बा नहीं जगायेंगे. तब तक विकास संभव नहीं है. शराब से दूर रहें, बच्चों को जरूर पढ़ायें. उन्होंने ग्रामीणों को शराब के सेवन से दूर रहने व बच्चों को शिक्षित बनाने की अपील की. एसपी ने जसीडीह थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि गांव में सुरक्षा समिति का गठन कर सूची जिला मुख्यालय भेजें.