रांची: अच्छा विचार मन को खुशहाल बनाता है. मन रूपी भूमि में श्रेष्ठ विचार के पौधे को बोना चाहिए, क्योंकि श्रेष्ठ विचार से जीवन हरा-भरा और खुशहाल बनता है. हम यह सोचते हैं भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति से मन को सुख-शांति मिलती है, लेकिन भौतिक वस्तुएं मन को अशांत कर रही है.
हम शांति के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. यह बातें प्रेम कुमार ने प्रजापिता ब्रह्नाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, सर्वेश्वरी नगर में श्रेष्ठ कर्म पर प्रवचन देते हुए कहीं.
उन्होंने कहा कि मन को शांति तभी मिल सकती है, जब हम आध्यात्मिकता को अपने जीवन में अपनायें. ध्यान के माध्यम से हम आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं.