24.3 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

झारखंड : 10 लाख का इनामी नक्सली कमांडर अरविंद भुइयां पलामू के मनातू से गिरफ्तार,जानें कैसे चढ़ा पुलिस के हत्थे

100 से भी अधिक बड़ी नक्सली घटनाओं का आरोपी और 10 लाख का इनामी माओवादी कमांडर अरविंद भुइयां उर्फ मुखिया जी आखिरकार पुलिस के गिरफ्त में आ गया. बिहार के सुरक्षाबलों ने पलामू के मनातू स्थित सलैया जंगल से अरविंद को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इसके पास से एके 47 भी बरामद किया है.

पलामू, सैकत चटर्जी : बिहार-झारखंड में 100 से भी अधिक बड़ी नक्सल घटनाओं को अंजाम देने वाला बिहार सरकार द्वारा घोषित 10 लाख का इनामी माओवादी कमांडर अरविंद भुइयां उर्फ मुखिया जी को बिहार के सुरक्षाबलों ने पलामू के मनातू क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. इनामी नक्सली की गिरफ्तारी बिहार से सटे इलाके से हुई है. इस गिरफ्तारी को पुलिस जहां बड़ी कामयाबी मान रही है, वहीं वहीं माओवादियों के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है.

कौन है अरविंद भुइयां उर्फ मुखिया जी 

कम उम्र से ही माओवादी दस्ते में सक्रिय अरविंद भुइयां मूल रूप से बिहार का रहने वाला है. गया जिला के विराज गांव का रहने वाला अरविंद भुइयां शुरू से ही कुशाग्र बुद्धि और तेज तर्रार था. माओवादियों से संपर्क में आने के बाद वह उस ओर आकर्षित होता गया. संगठन में शामिल होने के कुछ समय बाद ही वह अपने कार्यों से बड़े माओवादी लीडरों को प्रभावित करने में सफल रहा. जल्द ही वह संगठन में अपना प्रभाव विस्तार किया और कई पदों पर रहा. शुरू के दिनों में वह अपने प्रभाव वाले इलाके में अपना रॉबिनहुड वाली इमेज के कारण लोकप्रिय भी रहा. यही कारण था कि उसे ग्रामीणों का भी साथ मिलता था और पुलिस उसके खिलाफ हर मोर्चे पर विफल हो जाती थी. 

पुलिस को कैसे मिली सफलता 

धीरे- धीरे इलाके में माओवादियों की गिरती साख से अरविंद की लोकप्रियता भी कम होती गयी. पुलिस अपनी दबिश बढाती गयी. पुलिस का सूचना तंत्र ठीक काम करने लगा. माओवादिओं के खिलाफ पुलिस लगातार ऑपरेशन करती रही जिससे संगठन कमजोर होता गया. वर्ष 2022 से पुलिस लगातार मुखिया जी के पीछे लग गयी. पलामू-गया-चतरा का जो इलाका एक समय मुखिया जी का सबसे सेफ जोन था, वहीं वह बुरी तरह से घिर गया. पिछले एक साल में उसके दस्ते पर कभी बिहार पुलिस, तो कभी पलामू पुलिस हमला करता रहा. पलामू- चतरा सीमा पर  पुलिस के साथ अप्रैल में हुए मुठभेड़ में उसके पांच साथी मारे गए, पर वह बच निकला. मुखिया जी बच तो गया, पर वह काफी कमजोर हो गया था. उस घटना के बाद से पुलिस लगातार नजर बनाई हुई थी. आखिरकार उसे बिहार के सुरक्षाबलों ने बिहार से सटे मनातू के सलैया जंगल के पास से धर दबोचा. 

Also Read: झारखंड : गुमला पुलिस का बड़ा खुलासा, राज्य के कई जिलों में अवैध हथियार के सहारे बैंकों की हो रही सुरक्षा

मुखिया जी की निशानदेही पर मिला एके 47 

गिरफ्तार होने के बाद से मुखिया जी ने पुलिस को कई राज बताया है. उसी के निशानदेही पर पुलिस एक एके 47 और कुछ अन्य असलाहे बरामद किया है. सूत्रों की माने, तो मुखिया जी ने पुलिस को जो बातें बताई है उसपर त्वरित एक्शन प्लान बनाकर काम शुरू कर दिया गया है. सुरक्षाबल कई टुकड़ी में इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है. उम्मीद की जा रहा है कि जल्द ही पुलिस को माओवादियों के खिलाफ और बड़ी सफलता मिलेगी. 

इनामी नक्सली अरविंद उर्फ मुखिया कई मामलों में शामिल

मुखिया जी का नाम उस समय चर्चा में आया जब 2008 -09 में पलामू के मनातू में लैंड माइंस  विस्फोट किया था. उस घटना में चार जवान शहीद हुए थे जबकि कई अन्य घायल हो गए थे. 2010-11 में जब अनूप टी मैथ्यू पलामू एसपी थे तब भी मुखिया जी का दस्ता पुलिस पर हमला किया था. उस समय एसपी बाल-बाल बचे थे, जबकि दो जवान शहीद हुए थे. वह घटना काफी चर्चित माओवादी घटना में शुमार है. वर्ष 2016 वह अपने दस्ते के साथ बिहार में कोबरा बटालियन एवं पलामू में पुलिस पर हमला किया था. इसके अलावा भी मुखिया जी कई बड़े कांड में शामिल था. आरोप है कि मुखिया जी द्वारा घटित हमलों से 30 से अधिक पुलिसकर्मी एवं विभिन्न सुरक्षा बलों के जवान शहीद हुए. मुखिया जी पर बिहार के गया और औरंगाबाद के अलावा झारखंड के पलामू, चतरा, लातेहार, हजारीबाग समेत कई थानों में 100 से अधिक मामले दर्ज हैं. 

माओवादियों में हड़कंप, कई अंडरग्राउंड 

मुखिया जी की गिरफ्तारी और हथियारों की बरामदगी से माओवादियों में हड़कंप मच गयी है. ऐसा माना जा रहा है कि गिरफ्तार मुखिया जी ने पुलिस को कई राज उगले हैं. इसको ध्यान में रखकर पुलिस एक्शन मोड में आ गयी है. मुखिया जी के गिरफ्तार होते ही कई माओवादी टॉप नेता अंडरग्राउंड हो गए हैं. लेकिन, नक्सली मामलों के जानकार बताते हैं कि कुछ दिन चुप्पी के बाद अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करने और अपनी उपस्थिति का एहसास कराने माओवादी इस इलाके में कई घटनाओं को अंजाम देंगे. पुलिस भी यह समझ रही है. सूत्रों के अनुसार, अभी पुलिस लगातार इलाके में अपना अभियान जारी रखेगी. पुलिस अब मुखिया जी के गिरफ्तारी से बिखरे माओवादियों को एकजुट होने का कोई मौका नहीं देना चाहती है.

Also Read: झारखंड का एक ऐसा गांव जहां के ग्रामीण नशेपन से हैं कोसों दूर, पढ़ें पूरी खबर

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें