पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कथित रूप से टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता व अधिवक्ता कौस्तुभ बागची को उनके आवास से गिरफ्तार किया है. शुक्रवार बड़तला थाने में उत्तर कोलकाता के नीलमणि मित्रा स्ट्रीट के एक निवासी ने कांग्रेस नेता बागची के खिलाफ मुख्यमंत्री को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने की शिकायत दर्ज करायी थी.
देर रात बागची के घर पहुंची पुलिस
शिकायत दर्ज होने के बाद शुक्रवार की देर रात पुलिस कांग्रेस नेता बागची के उत्तर 24 परगना के बैरकपुर स्थित आवास में पहुंची. वहां उनसे पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, गिरफ्तारी के बाद शनिवार को कोलकाता स्थित बैंकशाल कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कौस्तुभ बागची को एक हजार रुपये के निजी बॉन्ड पर जमानत दे दी गयी.
ममता बनर्जी पर कौस्तुभ बागची ने की थी तीखी प्रतिक्रिया
बागची ने सागरदिघी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर ‘व्यक्तिगत हमले’ करने को लेकर मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और उनकी कथित रूप से आलोचना की थी. उन्होंने पत्रकारों के समक्ष एक किताब का जिक्र करते हुए कहा था कि उसमें मुख्यमंत्री के अतीत और वर्तमान जीवन के बारे विवरण है, यदि किसी को इसकी सॉफ्ट कॉपी चाहिए, तो वह दे सकते हैं.
कौस्तुभ बागची के खिलाफ दर्ज करायी गयी थी शिकायत
इस मामले को लेकर ही कांग्रेस नेता कौस्तुभ बागची के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी. बागची के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें 120(बी) (आपराधिक साजिश), 153 (भड़काऊ बयान देना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी), 354ए (किसी महिला पर अभद्र व अश्लील टिप्पणी करना) की धाराएं शामिल हैं.
क्या हुआ अदालत में
शनिवार को अपराह्न कौस्तुभ बागची को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. हालांकि, अदालत के बाहर पहले से मौजूद कांग्रेस समर्थकों द्वारा उनकी गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी था. बागची के पक्ष से कोलकाता के पूर्व मेयर व अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य पैरवी कर रहे थे. अदालत में सुनवाई के दौरान श्री भट्टाचार्य ने अपने मुवक्किल की गिरफ्तारी की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि बागची किसी भी अपराधमूलक कार्यों में संलिप्त नहीं है. ऐसे में पुलिस का देर रात उनके आवास में जाना और उन्हें गिरफ्तार करना, क्या उचित है?
वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संबंधित एक किताब का जिक्र उनके मुवक्किल द्वारा किये जाने का आरोप है, लेकिन किताब पर तो किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगा है अभी तक. कौस्तुभ बागची को धारा 41 के तहत नोटिस क्यों नहीं भेजा गया. क्यों देर रात पुलिस बागची के आवास गयी? इधर, पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कौस्तुभ बागची को 10 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजे जाने का आवेदन किया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कौस्तुभ को एक हजार रुपये के निजी बॉन्ड पर जमानत दे दी.
क्या कहना है कांग्रेस नेता के परिजनों का
कांग्रेस नेता कौस्तुभ के परिजनों का कहना है कि शुक्रवार की देर रात करीब तीन बजे पुलिस उनके बैरकपुर स्थित आवास पहुंची. घर आने के बाद कौस्तुभ और पुलिस अधिकारियों के बीच काफी बहस हुई. पुलिस ने धारा 41 के तहत उन्हें नोटिस भी नहीं दी और कौस्तुभ को गिरफ्तार कर लिया गया. कौस्तुभ को जमानत मिलने पर उनके परिजनों ने कहा कि यह कानून और न्याय की जीत है.