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शुभेंदु अधिकारी से नाराज BJYM अध्यक्ष सौमित्र खान ने दिया इस्तीफा, अमित शाह को करना पड़ा हस्तक्षेप

पश्चिम बंगाल भाजपा में शुभेंदु अधिकारी के बढ़ते कद से कई नेता नाराज हैं. प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा (BJYM) के अध्यक्ष सौमित्र खान ने शुभेंदु पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बाद में अमित शाह ने हस्तक्षेप किया और मामले को संभाला.

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में 3 से 77 सीट वाली पार्टी बनी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में अब पावर और क्रेडिट की लड़ाई शुरू हो गयी है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के प्रति नाराजगी जताते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान ने इस्तीफा दे दिया. हालांकि, अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और सौमित्र ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट के फेरबदल के बीच सौमित्र खान ने 9:39 मिनट के फेसबुक लाइव में बंगाल विधानसभा में भाजपा के नेता शुभेंदु को आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी ने प्रदेश के सांसदों के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को गलत जानकारी दी. कहा कि पार्टी का एक नेता बार-बार दिल्ली जाता है और सभी सफलताओं का श्रेय खुद ले लेता है.

सौमित्र को उम्मीद थी कि केंद्र में उन्हें भी मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इससे दुखी होकर अपनी नाराजगी फेसबुक पर बयां कर दी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं (बीएल संतोष, तेजस्वी सूर्या) ने सौमित्र से बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी शिकायतों पर गौर किया जायेगा. उसे दूर किया जायेगा. इसके बाद सौमित्र ने इस्तीफा वापस ले लिया.

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विष्णुपुर से भाजपा सांसद सौमित्र खान ने बुधवार को सोशल मीडिया के जरिये खुद अपने इस्तीफा की जानकारी दी. उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उन्हें केंद्र में जगह मिलने की उम्मीद थी. दिल्ली से फोन का इंतजार कर रहे थे. वह दिल्ली जाने के लिए भी तैयार थे, लेकिन फोन नहीं आया, तो उन्होंने युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.

सौमित्र खान ने बाद में एक बयान जारी कर कहा कि मैंने भाजपा नहीं छोड़ी है. मैं भाजपा में था और भाजपा में ही रहूंगा. जब तक वह जीवित रहेंगे, भाजपा में ही रहेंगे. अपने बयान में सौमित्र खान नरेंद्र मोदी को अपना नेता भी बताया. ज्ञात हो कि सौमित्र खान पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल से अलग जंगलमहल राज्य बनाने की मांग को लेकर सुर्खियों में रहे थे.

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सौमित्र खान ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की थी. हालांकि, पार्टी ने बाद में उनसे विधानसभा की सदस्यता छोड़ने के लिए कहा. इसके बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में भाजपा को सात में से छह सीटें जीतने में मदद की थी.

सौमित्र के आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से शुभेंदु का इनकार

सौमित्र खान के आरोपों पर शुभेंदु अधिकारी ने ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया. शुभेंदु ने कहा कि सौमित्र उनके छोटे भाई की तरह हैं. वह दिल्ली जायेंगे, तो सौमित्र के घर नाश्ता करने जायेंगे. हालांकि, सौमित्र के फेसबुक लाइव पर उन्होंने नाराजगी भी जतायी. कहा कि कुछ लोगों को बोलने के लिए फेसबुक लाइव करने की आदत होती है, इस पर गंभीरता से केंद्रीय नेतृत्व को फैसला करना होगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या इसके लिए सौमित्र खान के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मामला संगठन से जुड़ा है. इस पर प्रदेश अध्यक्ष को फैसला लेना होगा. शुभेंदु ने यह भी कहा कि उन्होंने वर्ष 2011 में कोतुलपुर विधानसभा सीट पर सौमित्र के लिए प्रचार किया था. मैं सौमित्र के करियर में हर सफलता की कामना करता हूं.

Posted By: Mithilesh Jha

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