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काशीपुर-बेलगछिया में नेता कर रहे वादे तमाम, मतदाता हैं खामोश

परिसीमन व तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद से यह सीट माला साहा के कब्जे में आ गयी. लेकिन, इस बार तृणमूल कांग्रेस ने यहां से माला साहा को नहीं, अतिन घोष को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा के उदय के बाद से यहां भी हालात बदले हैं.

कोलकाता : उत्तर कोलकाता का काशीपुर-बेलगछिया विधानसभा क्षेत्र इस बार कई मायने में खास है. पहले यह क्षेत्र उत्तर कोलकाता संसदीय सीट के अंतर्गत आता था. परिसीमन के बाद इस क्षेत्र का नाम बदलकर काशीपुर-बेलगछिया हो गया है. कभी यहां कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन माकपा के दीपक चंदा ने बाजी पलट दी थी.

परिसीमन व तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद से यह सीट माला साहा के कब्जे में आ गयी. लेकिन, इस बार तृणमूल कांग्रेस ने यहां से माला साहा को नहीं, अतिन घोष को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा के उदय के बाद से यहां भी हालात बदले हैं. संयुक्त मोर्चा की ओर से माकपा के प्रतीप दासगुप्ता यहां से उम्मीदवार हैं.

पिछली बार यहां से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार माला साहा कुल 72,264 वोट से जीतीं थीं. माकपा की कनिका घोष 46454 वोट पाकर दूसरे नंबर और भाजपा के आदित्य टंडन 19293 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे. पर आम चुनाव के बाद यहां भाजपा का प्रभाव बढ़ा है.

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यहां से पूर्व उप-मेयर अतिन घोष तृणमूल प्रत्याशी बने हैं, तो कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने वाले शिवाजी सिंहराय भगवा दल के उम्मीदवार हैं. दोनों को संयुक्त मोर्चा के प्रतीप दासगुप्ता से कड़ी टक्कर मिल रही है. यहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. लेकिन, अन्य जगहों की तरह यहां के वोटर बोल नहीं रहे. खामोशी की चादर ओढ़ रखी है.

नेताओं के हैं दावे तमाम

अतिन घोष का दावा है कि यहां की जनता ने सालों भर नगर निगम की गतिविधियों में उन्हें सक्रिय देखा है. लिहाजा, उन पर जनता का विश्वास है. दूसरी ओर, भाजपा प्रत्याशी शिवाजी सिंहराय यहां सत्ताधारी पार्टी के सिंडिकेट व तोलाबाजी के चलते बनी भगवा लहर के दम पर जीत का दावा कर रहे हैं.

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हालांकि, पहले माला साहा के पति तरुण साहा को भाजपा ने अपना चेहरा बनाया था, पर उनके इनकार के बाद शिवाजी को प्रत्याशी बनाया गया. वह भी पूरे दम-खम से मैदान में डटे हैं. उनका वादा है कि यदि वह जीते, तो वाराणसी की तरह काशीपुर में गंगा घाट को सजायेंगे.

काशीपुर इलाका कभी मिलों व उद्योग-धंधों के लिए जाना जाता था. लेकिन, मिलें व कल-कारखाने बंद होने से स्थिति खराब है. यहां हिंदीभाषी वोटरों से सभी दलों को बड़ी उम्मीदें हैं. वर्ष 2019 के आम चुनाव में तृणमूल यहां भाजपा से 13,000 से अधिक मतों से आगे थी.

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मतदाताओं को 29 अप्रैल का इंतजार

माकपा के उम्मीदवार प्रतीप दासगुप्ता को क्षेत्र में अच्छे युवा नेता के रूप में जाना जाता है. उत्तर कोलकाता जिला भाजपा के महासचिव आशीष त्रिवेदी का दावा है कि मतदाता मन बना चुके हैं. इस बार यहां कमल खिलाकर रहेंगे. नेता तमाम दावे तो कर रहे हैं, पर काशीपुर बेलगछिया के मतदाता खामोश हैं. उन्हें 29 अप्रैल का इंतजार है, जिस दिन आखिरी चरण का मतदान है. 2 मई को परिणाम आयेंगे.

Posted By : Mithilesh Jha

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