कोलकाता/नयी दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस ने हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किये गये पश्चिम बंगाल के सांसद नीशीथ प्रमाणिक को 'बांग्लादेशी' करार देते हुए इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की. इस मुद्दे पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी.
विपक्ष के हंगामे की वजह से दो बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है, उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी हैं.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है. खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल यह राज्यमंत्री बांग्लादेशी हैं या नहीं, यह जानने का मुझे पूरा अधिकार है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया.
राज्यसभा में भाजपा के नेता पीयूष गोयल ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को 'बेबुनियाद' करार दिया. उन्होंने दावा किया कि इस मामले में कोई सच्चाई नहीं है. साथ ही उपसभापति हरिवंश से इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आग्रह किया. श्री गोयल ने कहा कि जिस प्रकार की बेबुनियाद बातें सदन में रखने की कोशिश की जा रही है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं. इसमें सत्यता नहीं है.
श्री गोयल ने विपक्षी सदस्यों पर समाज के एक वर्ग विशेष को अपमानित करने का आरोप लगाया और उपसभापति से विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाये गये विषय को कार्यवाही में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया. इसके जवाब में हरिवंश ने कहा कि इसका परीक्षण किया जायेगा.
नीशीथ के केंद्र में मंत्री बनने पर बांग्लादेश में मनी थी खुशी
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और असम के नेता रिपुण बेड़ा ने सबसे पहले कूचबिहार के सांसद नीशीथ प्रमाणिक को बांग्लादेशी नागरिक बताते हुए उनकी नागरिकता की जांच की मांग की थी. उन्होंने कई टीवी चैनलों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि नीशीथ प्रमाणिक के मंत्री बनने पर बांग्लादेश में उनके रिश्तेदारों ने जश्न मनाया था.
Posted By: Mithilesh Jha