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Thursday, March 28, 2024

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बंगाल के इन दो जिलों में बरपा Cyclone Yaas का कहर, रिहायशी इलाके जलमग्न, काम पर NDRF

नदियों के 234 बांध टूट गये, रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया. प्रदेश में तीन लाख से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.

कोलकाताः चक्रवाती तूफान यश का सर्वाधिक असर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के अलावा पूर्वी मेदिनीपुर जिले में हुआ है. नदियों के 234 बांध टूटे हैं और रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है. पूरे प्रदेश में तीन लाख से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. एनडीआरएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुट गयी है.

मूल रूप से पूर्वी मेदिनीपुर के दीघा, शंकरपुर, ताजपुर, मंदारमनी और दक्षिण 24 परगना के सागरद्वीप, काकद्वीप, नामखाना, पाथरप्रतिमा, बकखाली समेत कई रिहायशी इलाके में समुद्र का पानी घुस गया. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि शहर में अधिकतम 62 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. पूर्वी मेदिनीपुर के दीघा में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. उन्होंने बताया कि समुद्र में उठी ऊंची लहरों के कारण पूर्वी मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई निचले इलाकों में पानी भर गया और नदियों में जलस्तर बढ़ गया. इस दौरान मेदिनीपुर के निचले तटीय इलाकों में समुद्र में दो से चार मीटर और दक्षिण 24 परगना में दो मीटर ऊंची लहरें उठीं.

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करंट लगने से दो लोगों की मौत

भारतीय सेना की पूर्वी कमान भी पश्चिम बंगाल सरकार के साथ समन्वय स्थापित करके बचाव कार्यों में मदद कर रही है. सेना ने पश्चिम बंगाल में 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है, जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं.

इस बीच, पश्चिम बंगाल के हुगली और उत्तर 24 परगना जिला में मंगलवार को तूफान आने के बाद कम से कम दो व्यक्तियों की करंट लगने से मौत हो गयी और करीब 80 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये.

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आखिरकार घर छोड़ना पड़ा

गंगासागर में कपिल मुनि के मंदिर के नीचे तक समुद्र का पानी पहुंच चुका है. मंदिर में रहने वाले सुबह तक मंदिर छोड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन धामरा में लैंडफॉल के बाद समुद्र का जलस्तर बढ़ने लगा और गांव दर गांव जलमग्न होने लगे हैं. अंत में प्रशासन उन्हें समझाने में कामयाब हुआ और बाद में सुरक्षित जगह पहुंचा दिया.

समुद्र का पानी इलाके में प्रवेश कर गया. कपिल मुनि आश्रम में पानी प्रवेश कर गया. प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि 20,000 घर पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुके थे. काकद्वीप इलाके में समुद्र का पानी प्रवेश कर गया. मुरीगंगा नदी का तटबंध भी टूट गया. कई इलाकों में बांध टूटने के कारण समुद्र का पानी घरों में घुस गया. फलस्वरूप लोगों को अपना घर छोड़कर जाने के लिए विवश होना पड़ा.

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Posted By: Mithilesh Jha

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