मृतक नहीं था कोरोना का मरीज, फिर भी लोगों ने श्मशान में नहीं करने दिया अंतिम संस्कार

कालचीनी (सिलिगुड़ी) : कोरोना से मौत की अफवाह पर लोग इतने उग्र हो गये कि मृतक के परिजनों को किसी श्मशान में शव का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया. घरवाले शव लेकर रातभर श्मशानों के चक्कर काटते रहे. हर जगह लोगों ने शव को जलाने से रोक दिया. थक-हारकर परिजनों ने अपने घर के पीछे कब्र खोदकर शव को दफनाया. मृतक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी थी. लेकिन उसका कसूर बस इतना था कि उसकी मौत कोविड-19 हॉस्पिटल में हुई.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 23, 2020 11:03 PM

कालचीनी (सिलिगुड़ी) : कोरोना से मौत की अफवाह पर लोग इतने उग्र हो गये कि मृतक के परिजनों को किसी श्मशान में शव का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया. घरवाले शव लेकर रातभर श्मशानों के चक्कर काटते रहे. हर जगह लोगों ने शव को जलाने से रोक दिया. थक-हारकर परिजनों ने अपने घर के पीछे कब्र खोदकर शव को दफनाया. मृतक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी थी. लेकिन उसका कसूर बस इतना था कि उसकी मौत कोविड-19 हॉस्पिटल में हुई.

जानकारी के अनुसार, सोमवार रात में अलीपुरदुआर स्थित तपसीखाता कोविड अस्पताल में 32 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गयी. जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मृतक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी थी. इसलिए शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया.

घरवाले सबसे पहले शव को शोभागंज इलाके में स्थित विद्युत श्मशान घाट ले गये. लेकिन कुछ ही देर में ही वहां सैंकड़ों लोग पहुंच गये और अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. लोगों का विरोध देख परिजन, शव लेकर चापरेरपार पहुंचे. वहां भी स्थानीय लोग विरोध पर अड़ गये. उन्हें गांव में घुसने तक नहीं दिया. रातभर परिवारवाले शव लेकर एक श्मशान से दूसरे श्मशान भटकते रहे.

लोगों के विरोध से हताश होकर परिजन शव को एंबुलेंस में ही छोड़ कर लौट गये. इसके बाद एम्बुलेंस चालक शव को जिला अस्पताल ले गया. वहां शव को मोर्ग में रखा गया. मंगलवार को भी पूरे दिन मृतक के घरवालों ने अंत्येष्टि की चेष्टा की पर सफलता हाथ नहीं लगी. कोई उपाय होता ना देख घर के पीछे की जमीन में कब्र खोद शव को दफनाया.

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