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अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी से ऑपरेशन तक रुका

मालदा: एक हफ्ते से मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का ब्लड बैंक रक्त की कमी से जूझ रहा है. इसके कारण मरीजों व उनके परिजनों को भारी परेशानी हो रही है. रक्त की कमी के कारण कई मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में मरीजों के परिजनों ने स्वास्थ्य दफ्तर व प्रशासन […]

मालदा: एक हफ्ते से मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का ब्लड बैंक रक्त की कमी से जूझ रहा है. इसके कारण मरीजों व उनके परिजनों को भारी परेशानी हो रही है. रक्त की कमी के कारण कई मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है.

ऐसे में मरीजों के परिजनों ने स्वास्थ्य दफ्तर व प्रशासन से सहायता की मांग की है. बुधवार को मेडिकल कॉलेज के मरीज के परिजन रवि राय एवं अमजद शेख ने कहा कि ब्लड बैंक में रक्त नहीं है. कोई इस मामले को महत्व नहीं दे रहा है. रक्त की कमी के कारण मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. ब्लड बैंक प्रबंधन ने साफ कह दिया है कि ब्लड बैंक में किसी ग्रुप का रक्त उपलब्ध नहीं है.

मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में सेंट्रल ब्लड बैंक होने के कारण यहां से उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर तथा मुर्शिदाबाद जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में आवश्यकता अनुसार ब्लड के पाउच भेजे जाते हैं. मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के ब्लड बैंक में जहां 1800 से दो हजार यूनिट रक्त रहना चाहिए, वहीं वर्तमान में यहां मात्र दो यूनिट रक्त है. इसमें एक यूनिट ‘ए’ निगेटिव व एक यूनिट ‘बी’ निगेटिव है. ब्लड बैंक प्रबंधन का कहना है कि फरवरी में मालदा जिले में रक्तदान शिविर कम लगाये गये. लोकसभा चुनाव के कारण विभिन्न राजनीतिक संगठन चुनाव प्रचार में व्यस्त हो गये हैं. चुनाव के कारण छात्र संगठन भी रक्तदान शिविर के आयोजन के प्रति उदासीन हैं.

इसके कारण मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्प्ताल का ब्लड बैंक रक्त संकट से जूझ रहा है. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में रोजाना 35 से 40 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. हर महीने रक्तदान शिविर से ही 400 से 500 यूनिट रक्त संग्रहित होता है. इसके अलावा रक्तदाताओं के माध्यम से रक्त का जुगाड़ किया जाता है. फरवरी से रक्तदान शिविर बंद रहने के कारण रक्त का तीव्र संकट उत्पन्न हुआ है. रक्त की कमी के कारण सबसे ज्यादा थैलेसीमिया के मरीजों को परेशानी हो रही है. मालदा जिले में लगभग 500 थैलेसीमिया पीड़ित मरीज हैं. हर मरीज को महीने में दो बार खून की आवश्यकता होती है.

क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन का
मालदा मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल एमए रसीद ने कहा कि ब्लड बैंक में रक्त की कमी के बारे में वे फिलहाल कुछ नहीं कह सकते हैं. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में साल भर रक्त की कमी रहती है. जिलाधिकारी शरद द्विवेदी ने कहा कि चुनाव के कारण सभी व्यस्त हैं. इसलिए इस मामले में बिना जांच के कुछ कहा नहीं जा सकता है. चुनाव आचार संहिता के दौरान रक्तदान शिविर के आयोजन को लेकर क्या निर्देश है, इसकी जांच कर ही विभिन्न एनजीओ से आवेदन किया जायेगा.

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