सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के दो वार्डो में आज उपचुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. मतदान के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं है. चुनाव को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. सिलीगुड़ी नगर निगम उपचुनाव का परिणाम 25 को घोषित होगा.
वार्ड 11 और वार्ड 31 के वार्डवासी अपने मताधिकार के प्रति सचेत दिखे. सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्र पर लंबी लाइन देखी गयी. वैसे वार्ड 11 में मतदाताओं की संख्या में कमी देखी गयी. गत वर्ष 2712 मतदाता थे, लेकिन इस वर्ष 160 मतदाता कम हो गये. वर्ष 2009 में नांटू पाल को 1044 वोट से बढ़त मिली थी.
लेकिन पार्टी बदलने से उनके कांग्रेस के उम्मीदवार सौरभ भट्टाचार्य कांटे की टक्कर दे सकते हैं. हरेक दल अपने उम्मीदवार के जीतने का दावा कर रहे है. उल्लेखनीय है इस उपचुनाव में वार्ड 11 में कुल मतदाता थे 2552 जिसमें 1932 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वार्ड 31 में 10 हजार 297 मतदाता थे, 78 फीसदी मतदाता ने अपने मत का प्रयोग किया. वार्ड 31 में शक्तिगढ़ हाईस्कूल, पोलिंग बूथ नं तीन में 36 मिनट तक मशीन खराब होने से मतदाता को काफी परेशानी हुई. सभी 16 बूथ पर शांतिपूर्वक मतदान पड़ा.
मेयर गंगोत्री दत्ता ने उत्तर बंग विकास मंत्री पर आरोप लगाया है कि मंत्री ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. वें 100 मीटर की भीतर प्रवेश कर नियम का उल्लंघन किया. लेकिन प्रशासन मूक होकर देखता रहा, जबकि कांग्रेस के कार्यकत्र्ता को हटा दिया जाता था. कांग्रेस नेता तपन पाइन ने तृणमूल पर आरोप लगाया कि वे लोग 150 नकली वोटर को लाकर गड़बड़ी करने में जुटे है. उन्होंने कहा कि इस बार अवसरवादी नांटू पाल का नाटक खत्म होकर रहेगा. वहीं दूसरी ओर तृणमूल के जिला महासचिव कृष्ण चंद्र पाल ने बताया कि वार्ड 11 के लोग के काम देखती है.
नांटू पाल ने काम किया है और इस बार वें जीतेंगे और 600 वोट की बढ़त से जीतेंगे. इसकी मैं भविष्यवाणी करता हू. कांग्रेस के सौरभ को 150 वोट मिलेंगे. वार्ड 31 और 11 तृणमूल के नाम रहेगी और हम कांग्रेस के प्रति अविश्वास प्रस्ताव लाकर बोर्ड का गठन करेंगे. वहीं पूर्व विकास मंत्री अशोक नारायण भट्टाचार्य ने कहा कि यदि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव होता है, तो जनता वाम को वोट देगी. और जनता जो फैसला करें, उसका हम स्वागत करते है. पुलिस आयुक्त के जयरमण ने कहा कि उपचुनाव शांतिपूर्ण रहा. सभी बूथों पर पुलिसकर्मी सुबह सात बजे से शाम तक मुस्तैदी से खड़े थे. बिना पहचान-पत्र के भीतर जाने की मनाही थी.