23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकारी दर पर धान की खरीदारी बंद

सिलीगुड़ी: राज्य सरकार के तमाम दावों के बाद भी उत्तर बंगाल विभिन्न स्थानों पर अब तक सरकार ने सरकारी दर पर किसानों से धान खरीदने की कोइ पहल नहीं की है.एक दो स्थानों को छोड़ दें तो उत्तर बंगाल के सभी आठ जिलों में यही स्थिति बनी हुयी है. खासकर सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के […]

सिलीगुड़ी: राज्य सरकार के तमाम दावों के बाद भी उत्तर बंगाल विभिन्न स्थानों पर अब तक सरकार ने सरकारी दर पर किसानों से धान खरीदने की कोइ पहल नहीं की है.एक दो स्थानों को छोड़ दें तो उत्तर बंगाल के सभी आठ जिलों में यही स्थिति बनी हुयी है.

खासकर सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के किसान तो काफी परेशान हैं.खाद्य विभाग की उदासीनता के कारण सिलीगुड़ी में सरकारी दर पर धान बेचने आये किसानों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ किसानों का कहना है कि ब्लॉक के किस क्षेत्र में कब धान की बिक्री होगी, उन्हें ठीक से जानकारी नहीं मिल रही है.

बाध्य होकर किसान चावल मील में औने पौने दाम में धान बेच रहे हैं. कृषि विभाग व खाद्य विभाग के बीच समन्वय की कमी के कारण ही यह समस्या उत्पन्न हो रही है. कृषि विभाग के एक अधिकारी अनुसार, सरकारी सहायक मूल्य पर धान कब कहा खरीदी जायेगी, इस बारे में किसानों को जानकारी देने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग को ही धान बिक्री की खबर खाद्य विभाग से समय पर नहीं मिलती है. वर्तमान में खाद्य विभाग ने एक सूची भेजी है, लेकिन उसमें काफी त्रुटियां है.

उस अधिकारी ने आगे बताया कि धान खरीद को लेकर कृषि विभाग की जिम्मेवारी नहीं है.यह सारी जिम्मेवारी खाद्य विभाग की है.उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि खाद्य विभाग की उदासीनता के कारण ही ऐसी समस्या हो रही है.उनके अनुसार, जहां धान का पैदावार ज्यादा होता है, वहां कम कैंप लगाये जाते हैं. इससे भी किसानों को परेशानी होती है.

दूसरी तरफ खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कब कहां पर सरकारी दर पर धान की खरीद होगी, इस बारे में किसानों को जानकारी देने की कोशिश की जा रही है. इस बारे में माइकिंग करने पर भी विचार किया जा रहा है.उस अधिकारी ने आगे बताया कि धन की कमी के कारण धान की खरीद नहीं हो रही है. जल्द ही समस्या के समाधान की कोशिश की जा रही है. उल्लेखनीय है कि दिसंबर महीने से सिलीगुड़ी महकमा के विभिन्न जगहों में किसानों से सरकारी दर पर धान खरीदने का काम शुरू हुआ था. जबकि अधिकांश किसानों का कहना है कि राज्य सरकार के इस पहल से वे अनभिज्ञ है. लोगों की बात सुन कर ये लोग जब शाम को कैंप में पहुंचते हैं तो धान खरीदने की प्रक्रिया बंद हो जाती है. जिससे आम किसान मुश्किल में पड़ रहे हैं. कई लोग दलालों के झांसे में फंस कर कम कीमत पर धान की बिक्री करने को मजबूर हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें