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ड्रग्स के खिलाफ उठायी आवाज तो गयी जान

सिलीगुड़ी: ड्रग्स के खिलाफ आवाज उठाने का खामियाजा एक सिंडिकेट गाड़ी ड्राइवर को जान देकर भुगतना पड़ा. सोमवार तड़के खून से लथपथ अवस्था में ड्राइवर दीपंकर राई उर्फ छोटू (29) की लाश भक्तिनगर थाना क्षेत्र के 41 नंबर वार्ड इलाके के लिम्बू बस्ती में महानंदा नदी किनारे से बरामद हुई. पुलिस ने लाश का पंचनामा […]

सिलीगुड़ी: ड्रग्स के खिलाफ आवाज उठाने का खामियाजा एक सिंडिकेट गाड़ी ड्राइवर को जान देकर भुगतना पड़ा. सोमवार तड़के खून से लथपथ अवस्था में ड्राइवर दीपंकर राई उर्फ छोटू (29) की लाश भक्तिनगर थाना क्षेत्र के 41 नंबर वार्ड इलाके के लिम्बू बस्ती में महानंदा नदी किनारे से बरामद हुई.

पुलिस ने लाश का पंचनामा कर उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा कर आज ही परिजनों को सौंप दिया. इस वारदात के बाद से ही भक्तिनगर थाना, चेकपोस्ट व लिम्बू बस्ती इलाके में तृणमूल समर्थक मृतक के परिजन व साथियों ने खूब बवाल मचाया.

चेकपोस्ट स्थित सिंडिकेट ऑफिस व एक हत्यारे मोहन कुमार राई के घर पर तोड़फोड़ की व आग लगाकर फूंक डाला. सूचना पाते ही उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव, सिलीगुड़ी कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त जगमोहन दलबल के साथ चेकपोस्ट पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों को शांत करवाया. दीपंकर के भाई देवाशीष राई ने भक्तिनगर थाना में अपने भाई की हत्या का मामला दर्ज कराया है. इस वारदात में उसने मिथुन दास, कृष्णा राई, मिलन राई, मोहन कुमार राई, गणोश छेत्री, राजा कुमार व माखन कुमार के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कृष्णा राई, मिलन राई व गणोश छेत्री को आज ही गिरफ्तार कर लिया. जलपाईगुड़ी जिला अदालत में पेशी कर मामले की गहन जांच पड़ताल के लिए रिमांड में लिया है. दीपंकर राई सेवक रोड संलग्न सरकारपाड़ा निवासी निर्मल राई का लड़का है और वह पेशे से सिंडिकेट का ड्राइवर है. देवाशीष ने बताया कि उसका भाई तृणमूल समर्थक भी है और कुछ दिनों पहले ही चेकपोस्ट इलाके के माकपा नेताओं द्वारा सिंडिकेट के आड़ में ड्रग्स के अवैध धंधे के खिलाफ आवाज उठायी थी.

, जिसका खामियाजा भाई को भुगतना पड़ा. ड्रग्स के कारोबार का मुख्य सरगना मोहन कुमार राई है, जो माकपा का समर्थक एवं सिंडिकेट चलाता है. उसके भाई ने कुछ दिनों पहले मोहन के एक अन्य साथी मिथुन दास को ड्रग्स का धंधा न करने की नसीहत दी थी. न मानने पर भक्तिनगर थाने में पुलिस को शिकायत भी की थी. पुलिस ने इस मामले में मिथुन समेत उसके कुछ अन्य साथियों को गिरफ्तार किया था. दो-तीन रोज पहले ही मिथुन जेल से जमानत पर छूट कर आया. उसने पहले दीपंकर से मामला वापस लेने के लिए बातचीत करने को कहा. कल शाम को दीपंकर अपने साथी सायन विश्वास के साथ जैसे ही बाइक से चेकपोस्ट पहुंचा, मिथुन व उसके अन्य साथियों ने दीपंकर को जोर जबरदस्ती अन्य बाइक पर बैठाकर लिम्बू बस्ती की ओर फरार हो गये. सायन ने हाथों हाथ थाना में जाकर पुलिस को सूचित किया, लेकिन थाने में पुलिस कर्मचारियों की संख्या कम होने की बात बताकर पुलिस टीम काफी देरी से सायन के साथ लिम्बू बस्ती इलाके में गयी. काफी देर तक पुलिस लिम्बू बस्ती व आसपास के इलाके में दीपंकर की खोजबीन करती रही लेकिन वह नहीं मिला. उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस प्रशासन मामले को गंभीरता से लेती, तो संभवत: उसका भाई बच सकता था.इसबीच इस घटना के कारण बढ़ते तनाव के देखते हुए आज सेवक रोड के व्यवसायियों ने अपनी दुकानें बंद कर दी.अभी भी पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है.

क्या कहते हैं मंत्री

गौतम देव ने इस मामले पर माकपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब माकपा सत्ता में थी तब भी असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देती थी आज विपक्ष में होने के बावजूद भी माकपाइयों का अपराधियों से नाता दूर नहीं हुआ है. माकपा के नेता, कार्यकर्ता व समर्थक किसी न किसी अपराध में संलिप्त हैं. उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले में मुख्य आरोपी सहित संलिप्त सभी हत्यारों को जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया.

जगमोहन का कहना

पुलिस आयुक्त जगमोहन ने कहा कि इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर ली है. उनसे गहन पूछताछ के लिए अदालत से रिमांड पर लिया गया है. अन्य हत्यारों की तलाश की जा रही है. जल्द ही सभी हत्यारे सलाखों के पीछे होंगे.

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