सिलीगुड़ी: भक्तिनगर थाने के अधिकार क्षेत्र को लेकर सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन द्वारा जारी सीज वर्क आंदोलन कल मंगलवार से स्थगित रखने का प्रस्ताव है. हालांकि अभी इस आंदोलन का पूरी तरह से अंत नहीं होगा.
सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के सदस्य निहार चाकी ने बताया है कि बार एसोसिएशन के कार्य समिति की अगली बैठक तक फिलहाल आंदोलन को स्थगित रखने का प्रस्ताव रखा गया है. सिलीगुड़ी के वकील अपनी मांगों पर कायम हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. श्री चाकी ने बताया कि 17 तारीख को सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के कार्यकारी समिति की बैठक है.
उस बैठक में आने वाले दिनों में आंदोलन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जायेगा. इस बीच, पिछले एक सप्ताह से सिलीगुड़ी कोर्ट में वकीलों का सीज वर्क आंदोलन जारी है. आज भी अपनी मांगों को लेकर वकील कोर्ट परिसर में धरना-प्रदर्शन करते देखे गये. कल मंगलवार को इस आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की जायेगी. श्री चाकी ने बताया है कि सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए कोलकाता गया हुआ है. 16 को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के साथ इस प्रतिनिधिमंडल की एक बैठक होगी.
इसी बैठक के आलोक में आंदोलन को फिलहाल स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है. कल की बैठक में क्या निर्णय निकलेगा, उस पर विचार-विमर्श के लिए ही 17 तारीख को कार्यकारी समिति की बैठक बुलायी गयी है. श्री चाकी ने कहा कि सिलीगुड़ी के वकीलों की मांग वाजिब है, क्योंकि जलपाईगुड़ी जिले के बंटवारे के बाद भक्तिनगर थाने को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंतर्गत लाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी. सिलीगुड़ी में मेट्रोपोलिटन कोर्ट नहीं होने के कारण इस मुद्दे को टाल दिया गया और भक्तिनगर थाना अभी भी जलपाईगुड़ी जिले के अधीन है.
भक्तिनगर थाना क्षेत्र में तीन लाख की आबादी है और यहां के लोगों को किसी भी काम के लिए 50 किलोमीटर दूर जलपाईगुड़ी का चक्कर काटना पड़ता है. जो काम दो किलोमीटर के अंदर हो जाये, उसके लिए 50 किलोमीटर दूर जाना किसी भी प्रकार से सही नहीं है. राज्य सरकार ने भी इस बात को माना और इसीलिए भक्तिनगर थाने को सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के अधीन कर सिलीगुड़ी में ही मेट्रोपोलिटन कोर्ट बनाने की मंजूरी दी. इसके लिए भवन निर्माण हेतु शिलान्यास कार्यक्रम भी हुआ, लेकिन यह काम सिर्फ शिलान्यास तक ही सीमित रह गया और दो वर्ष बीत जाने के बाद भी मेट्रोपोलिटन कोर्ट हेतु भवन निर्माण की दिशा में अब तक एक ईंट नहीं जोड़ी गई. उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि राज्य सरकार राजनीतिक कारणों से मेट्रोपोलिटन कोर्ट सिलीगुड़ी में स्थापित करने को लेकर टाल-मटोल कर रही है.