सिलीगुड़ी: राजनीति में आज लोग पैसा व पावर के लिए आ रहे है. देश व सेवा भावना हाशिये पर है. राजनीतिक पावर से सब सुख भोगने को राजनेता आतुर दिखते है. ऐसे में सिलीगुड़ी के वामपंथी विधायक बीरेन बोस एक मिसाल है. सिलीगुड़ी के सबसे वयोवृद्ध कामरेड ने सोमवार को एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया. वें 88 साल के थे.
वे सीटू के उपाध्यक्ष पद पर थे. पूर्व राज्य सभा सांसद समन पाठक ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र में चाय बगान मजदूरों के लिए लड़ने में जो स्थान रतन लाल ब्राrाण का है, वहीं स्थान तराई -डुवार्स के लिए बीरेन बोस का. सायकिल से घूम-घूम कर वें अपना आंदोलन करते थे. आडंबर से कोसो दूर. वर्दवान रोड स्थित उनके निवास स्थान पर आज सैकड़ों कामरेडों ने उन्हें लाल सलाम दिया.
अनिल विश्वास भवन में उनकी पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि और लाल झंडा अर्पित किया. उनके निधर से पार्टी के झंडे को झुकाया गया. पूर्व नगर विकास मंत्री अशोक नारायण भट्टाचार्य, जीवेस सरकार, सौरभ दास, अभिजीत मजूमदार आदि राजनीतिक नेता व बुद्धिजीवि उन्हे अंतिम विदाई देने के लिए उपस्थित थे.