सिलीगुड़ी: इस्लामिक तिथि के अनुसार इस बार मोहर्रम आगामी 4 नवंबर यानी मंगलवार को देश-दुनिया के साथ ही सिलीगुड़ी में भी मनाया जायेगा.
इसके लिए विभिन्न मोहर्रम कमेटियां बीते कई दिनों से ही भव्य तैयारी के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. मोहर्रम के दिन विभिन्न कमेटियोंे के बैनरतले भव्य ताजियों का प्रदर्शन किया जायेगा. साथ ही युवकों की टोलियां अपने-अपने अखाड़ों में तलवार, लाठी व अन्य हथियार भांजकर हैरतअंगेज करतबों का प्रदर्शन भी करेंगे. ताजियों को अंतिम रूप देने के लिए कारीगर भी दिन-रात एक किये हुए हैं.
सिलीगुड़ी के हैदरपाड़ा स्थित अशरफ नगर निवासी हैदर अली कई मोहर्रम कमेटियों के ताजियों को सजाने में जुटे हैं. हैदर अली इस बार अशरफ नगर मोहर्रम कमेटी एवं सिक्किम के नामची के एक मोहर्रम कमेटी के लिए ताजिया का निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अशरफ नगर मोहर्रम कमेटी के जुलूस में मलेशिया का नामी मस्जिद ‘सलेटमेलका’ का भव्य नजारा दिखेगा. यह ताजिया 11 फीट ऊंची होगी. इसको बनाने में कुल 28 हजार रुपये की लागत आयी है. इस ताजिया की आलोक सज्ज भी ‘सलेटमेलका’ मस्जिद के तर्ज पर ही की जा रही है. उन्होंने बताया कि सिक्किम के नामची के एक मुस्लिम मोहर्रम कमेटी के लिए भी ताजिया तैयार कर रहे हैं.
यह ताजिया काल्पनिक मस्जिद के तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. यह ताजिया भी काफी भव्य व अलौकिक होगा. उन्होंने बताया कि यह ताजिया नौ फीट ऊंची होगी. हैदर अली का कहना है कि वह बीते 18 सालों से मोहर्रम के लिए ताजिया बनाने का काम करते हैं.
उनके इस काम में उनके बेटे वसीम अहमद व इब्रान अहमद समेत परिवार के सभी सदस्य हाथ बंटाते हैं. हैदर अली ने कहा कि ताजिया बनाना उनका पेशा नहीं है, बल्कि शौक है. उनका मुख्य पेशा साउंड सिस्टमों का है. उनका बचपन से ही ताजिया बनाने का शौक रहा है. साल में एक बार अपने धर्म के लिए इन ताजियों को बनाने के बाद मन को सुकून मिलता है.