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सप्ताह में पांच दिन इएनटी विभाग बंद

सिलीगुड़ी: राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार तथा उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के भले ही जितने भी दावें क्यों न कर लें परंतु वास्तविक स्थिति में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं हुआ है. सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओंे की बदहाली जस की तस […]

सिलीगुड़ी: राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार तथा उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के भले ही जितने भी दावें क्यों न कर लें परंतु वास्तविक स्थिति में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं हुआ है.

सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओंे की बदहाली जस की तस बनी हुई है. तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने सिलीगुड़ी महकमा अस्पताल का दर्जा बढ़ाकर इसे जिला अस्पताल का दर्जा दे दिया.

लेकिन अस्पताल के सिर्फ दज्रे में ही बढ़ोत्तरी हुई. चिकित्सा सेवा की बदहाली जस की तस बनी हुई है. बीच-बीच में मंत्री गौतम देव अस्पताल का दौरा करते हैं और चिकित्सा सेवा में सुधार के लिए अधिकारियों को फटकार भी लगाते हैं. उनके इस फटकार का भी कोई असर नहीं हो रहा है. डॉक्टरों की कमी के कारण विभिन्न विभागों के नियमित रूप से नहीं खुलने आदि जैसी शिकायतें आम है. ताजा मामला इएनटी विभाग को लेकर है.

इएनटी विभाग में डॉक्टरों की कमी है. सिर्फ एक डॉक्टर से ही इएनटी विभाग का काम-काज चलाया जा रहा है. इसकी वजह से इएनटी विभाग में सप्ताह में दो दिन ही रोगियों की चिकित्सा की जाती है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार और बुधवार को ही इएनटी विभाग में रोगियों की चिकित्सा होती है. सूत्रों ने बताया कि हर दिन ही 70 से 80 रोगी इएनटी विभाग में अपनी चिकित्सा कराने आते हैं. विभाग के बंद होने के कारण रोगियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ता है. अधिकांश मरीज निजी डॉक्टरों से अपनी चिकित्सा कराने के लिए मजबूर हैं. सूत्रों ने आगे बताया कि वर्तमान में डॉक्टर विष्णुपद राय अकेले डॉक्टर इएनटी विभाग में हैं.

पहले इस विभाग में दो चिकित्सकों की व्यवस्था थी और सप्ताह में छह दिन यहां रोगियों की चिकित्सा होती थी, लेकिन कुछ महीने पहले इस विभाग के एक अन्य डॉक्टर एनसी राय ने स्वेच्छिक सेवा निवृत्ति ले ली. तब से लेकर लेकर अब तक सिर्फ एक डॉक्टर यहां मरीजों का इलाज कर रहे हैं. बीच में कुछ दिनों के लिए डॉक्टर रामेश्वर महतो की यहां नियुक्ति की गई थी जिन्हें बाद में मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया. फिलहाल डॉक्टर विष्णुपद राय अकेले ही इएनटी विभाग की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं. रोगियों का कहना है कि अधिकांश दिनों में इएनटी विभाग के बंद रहने के कारण वह मोटी रकम देकर निजी डॉक्टरों से चिकित्सा कराने के लिए मजबूर हैं.

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