सिलीगुड़ी: 20 अप्रैल को अनुज अग्रवाल (26 वर्ष) शाम साढ़े पांच बजे यूं ही थोड़ा बाहर निकला. लेकिन यह थोड़ी देर का बाहर निकलना पूरे परिवार के लिए मातम का सबब बन गया. 55 दिन हो गया. अनुज न घर आया, न उसका फोन, न संदेश. उसे आसमां खा गयी या जमीन निगल गया. पता नही. कहीं से कोई फिरौती का फोन भी नहीं आया.
इन 55 दिनों में पिता नरेश अग्रवाल और मां संतोषी देवी की पागलों की तरह अपने बेटे को खोज रहे है. कलेजे का टुकड़े को बड़े लाड़-प्यार से पाला था. कोई बुड़ी लत नहीं. कोई बुरी संगति नहीं. फिर कहां गया अनुज? इसका जवाब सिलीगुड़ी पुलिस के पास भी नहीं. सिलीगुड़ी थाना में 21 अप्रैल को गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसका जीडी नं. है 1234.
अनुज के पिता नरेश अग्रवाल ने बताया कि अनुज को लेकर जब भी हम पुलिस प्रशासन के पास जाते है. वो कहती है, हम छानबीन कर रहे है. अनुज का अंतिम फोन ट्रेस 20 अप्रैल को खोरीबारी से हुआ था. मैं सीआईडी कोलकाता, सिलीगुड़ी, पुलिस आयुक्त, उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव सहित हर जगह फरियाद कर चुका है. गौरतलब है कि शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन से अनुज को ढ़ूढ़ने का दवाब बनाया लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.