सिलीगुड़ी : कच्चे मालों की मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के आलू पट्टी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां मालिक व मजदूर पक्षों में एक बार फिर ठन गयी है. गद्दी मालिकों द्वारा आज से बेमियादी बंद किये जाने पर आलू, प्याज व लहसुन मंडी में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया. सिलीगुड़ी मर्चेट्स एसोसिएशन (एसएमए) के हस्तक्षेप के बावजूद जहां मृत मजदूर के परिवार को मुआवजा देने के विवाद पर बात नहीं बन रही, वहीं मजदूरी वृद्धि का विवाद भी फिर गरमा उठा है.
बीते 25 अगस्त को एक मजदूर बेचन कुर्मी (चौधरी) की आलू पट्टी में मौत हो गयी थी. वह मूलरुप से आरा जिले का रहने वाला था. उसके साथी मजदूर पक्षों का मानना है कि बेचन की मौत उस दिन माल लॉडिंग-अनलॉडिंग के दौरान हुई थी. आलू पट्टी स्थित स्टॉल नं. ए-1 गद्दी के मालिक दिलीप प्रसाद के यहां बेचन उस दिन पांचवीं ट्रक का माल लॉडिंग-अनलॉडिंग करने के दौरान अचानक बेहोश हो गया. बाद में उसने दम तोड़ दिया. बेचन के दाह-संस्कार हेतु दिलीप प्रसाद ने उसके परिवार 22 हजार रुपये दिये. 20दिन बाद मुआवजा की राशी देने की बात कही थी.
मजदूरों व परिवार वालों का आरोप है कि हादसे क ा महीना बीत गया, लेकिन आजतक मुआवजा नहीं मिला. मालिक मुआवजा देने के लिए अब टाल बहाना कर रहा है. वहीं, मालिक पक्ष का मानना है कि बेचन की मौत लॉडिंग-अनलॉडिंग के दौरान नहीं बल्की बीमारी से हुई है. उसकी मौत हादसा नहीं है. इसके बावजूद मानवता के नाते उसके परिवार को 40 हजार रुपये एवं उसकी लाश को आरा भेजने की पूरी व्यवस्था कर दी गयी थी. मुआवजे की मांग को लेकर बेचन के परिवार वालों में पत्नी,दो लड़का एवं एक लड़की तथा बेचन का भाई आज से दिलीप प्रसाद की गद्दी के सामने आज से बैठ गये हैं.
इस विवाद को सुलझाने को लेकर आज सिलीगुड़ी मर्चेट एसोसिएशन ने हस्तक्षेप किया.इस मुद्ेद पर एसएमए भवन में एक बैठक हुयी लेकिन कोइ हल नहीं निकल सका.आइएनटीटीयूसी के नेता पवन साह का कहना है कि इससे पहले मजदूरों की मौत पर जो मुआवजा देने का प्रावधान था उसी हिसाब से बेचन के परिवार वालों को भी मुआवजा मिले.