सिलीगुड़ी : इन दिनों सिलीगुड़ी अंतरराज्यीय अपराधियों का आरामगाह बन चुका है. देश के विभिन्न राज्यों में जघन्य वारदातों को अंजाम देकर अपराधी अंडरग्राउंड होकर सिलीगुड़ी में छुप कर पुलिस के साथ आंख मिचौली का खेल खेल रहे हैं.
इसका खुलासा विगत दिनों उत्तर प्रदेश (यूपी) के आगरा पुलिस द्वारा सिलीगुड़ी की खुफिया विंग (डीडी) की मदद से बैंक जालसाजी मामले में आरोपी झारखंड के दो अपराधी को गिरफ्तार करने के बाद हुआ है. जालसाजी के गिरफ्तार शातिर अपराधियों की शिनाख्त हीरालाल मंडल एवं कैलाश मंडल के रूप में हुयी है. दोनों ही झारखंड के रहने वाले हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार आगरा के बैंक में जालसाजी कांड के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस काफी दिनों से दोनों की तलाश कर रही थी.
वारदात के बाद से ही दोनों अंडरग्राउंड हो चुके थे और सिलीगुड़ी में बड़े आराम से रह रहे थे. मामले की जांच कर रही उत्तर प्रदेश के आगरा की पुलिस को दोनों के सिलीगुड़ी में छुपे होने की खुफिया जानकारी मिलते ही सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट को सूचित किया और आगरा से पुलिस की एक टीम सिलीगुड़ी पहुंची. 18 सितंबर यानि गुरूवार को कमिश्नरेट की खुफिया विंग ने दोनों को भक्तिनगर थाना इलाके के ईस्टर्न बाइपास के एक मकान से दोनों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों यहां किराये के मकान में छुपे हुए थे.
वही महीने भर पहले भक्तिनगर थाना अंतर्गत एनजेपी चौकी की पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन तस्कर गिरोह का खुलासा किया था. एनजेपी इलाके से करीब आधे दर्जन लक्जरी कारों के साथ झारखंड के दो एवं बिहार के दो तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी. इनके पास से बरामद लक्जरी कारें दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड इलाकों से चोरी की हुई थी.
यह गिरोह चोरी की वाहनों को खरीद लेता था. बाद में इनके फरजी कागजात के बूते बड़े ही शातिर तरीके से अन्य राज्यों में बिक्री करने का गोरखधंधा करता था. इस गिरोह को फरजी कागजात बना कर चोरी के वाहनों को बिक्री करने में महारथ हासिल थी.इसके अलावा हाल ही में पंचनोइ इलाके से एक आतंकवादी की भी गिरफ्तारी हुयी है.