सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी महकमा के कॉलेजों में सेवक रोड स्थित प्रेमचंद कॉलेज सबसे नया है. भवन नया, प्राचार्य व छात्र नये. अहिंदी क्षेत्र में हिंदी क्षेत्र में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के नाम से कॉलेज का बनना बड़ी बात है. लेकिन दुख की बात है कि इस कॉलेज के छात्र पीने का पानी के लिए आस-पास के घरों में जाते है. कॉलेज में पानी की टंकी है, पाईप है. लेकिन नल नहीं है. मंगलवार को कॉलेज की बुनियादी व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग को लेकर छात्र परिषद स्टूडेंटस यूनिट की ओर से विरोध प्रदर्शन और कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा गया.
छात्र परिषद के राज्य महासचिव ने कॉलेज के खस्ताहाल के विषय में बताया कि कॉलेज को खुले सात -आठ वर्ष हुये. लेकिन आज तक कॉलेज प्रशासन सुरक्षा की जरूरत नहीं समझ रही. चाहरदिवारी बगैर यह कॉलेज असामाजिक तत्वों का अड्डा सा बन गया है. शाम होते ही स्थानीय शरीबी-जुआरी कॉलेज की छत को अपनी जागीर समझकर महफिल सजाते है और शराब पीते है. दिन में शराब की बोतले मिलती है.
इस कॉलेज में डेवलपमेंट फीस अन्य कॉलेजों की तुलना में सबसे अधिक 500 रूपया लिया जाता है. लेकिन विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया जाता. कॉलेज में 70 फीसदी शिक्षक अस्थायी है. यूनिट अध्यक्ष राजीव वर्मन ने बताया कि बारहवीं पास करने वाले सभी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज में पढ़ने का अधिकार है. गत वर्ष 2011 के पास छात्रों को फार्म दिया गया था तथा उनका दाखिला भी हुआ. लेकिन इस वर्ष पुराने छात्रों को फार्म नहीं दिया जा रहा है. नामांकन से वंचित सभी छात्रों की दाखिले के लिए आज कॉलेज प्रशासन के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया.