सिलीगुड़ी: जापानी व अज्ञात बुखार (इंसेफ्लाइटिस) का कहर लगातार जारी है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में 24 घंटे के भीतर इलाज के दौरान और दो मरीजों की मौत हो गयी है.
साथ ही पूरे उत्तर बंगाल से बड़ी संख्या में पीड़ित परिजनों के भरती होने का सिलसिला अभी जारी है. मेडिकल कॉलेज में सही चिकित्सा न होने के कारण अब परिजन मरीजों को बेहतर इलाज के लिए नर्सिग होम स्थानांतरित करने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसा ही नजारा आज मेडिकल कॉलेज में देखने को मिला. परिजनों ने आरोप लगाया है कि यहां सही चिकित्सा नहीं हो रही है.
दवाओं का अभाव है. चिकित्सक 24 घंटे मौजूद नहीं रहते. चिकित्सक हो या चाहे अस्पताल कर्मचारी सभी इलाज में लापरवाही बरत रहे हैं. किसी को भी मरीजों की परवाह नहीं है.
मरीजों को सही समय पर दवाई भी उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. जलपाईगुड़ी जिले के एक मरीज के भाई संजीव दास ने आरोप लगाया कि चिकित्सक को दवाओं का परचा दे रहे हैं वह दवाईयां मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. अतिरिक्त दामों पर सिलीगुड़ी से खरीद कर लाने को मजबूर होना पड़ रहा है. वही स्वास्थ्य अधिकारी सुशांत बनर्जी ने भी इंसेफ्लाइटिस के नियंत्रण की बात कहीं है. साथ ही इलाज में लापरवाही के आरोपों को उन्होंने पूरी तरह बेबुनियाद ठहराया. उन्हाेंने कहा कि मरीजों को सही समय पर दवाईयां उपलब्ध करायी जा रही है. हर समय चिकित्सक व कर्मचारी अस्पताल में मौजूद रहते हैं. अस्पताल प्रबंधन इंसेफ्लाइटिस को लेकर काफी गंभीर है. हालांकि उन्होंने मरीजों की मौत पर विस्तृत जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया.