सिलीगुड़ी : पिछले दिनों फूलबाड़ी स्थित माकपा कार्यालय में तोड़-फोड़ की घटना में लिप्त होने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर जगमोहन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मो. मकबूल, रोहित शाव तथा संजीव राय को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और शीघ्र ही सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर माकपा नेता तथा पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य एनजेपी पुलिस आउट पोस्ट के सामने आमरण अनशन पर बैठे हुए थे.
पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों की गिरफ्तारी की सूचना अशोक भट्टाचार्य तथा माकपा के अन्य नेताओं को दी. इसके बाद अशोक भट्टाचार्य ने अपना अनशन खत्म कर दिया. अनशन खत्म करने के बाद अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि पुलिस ने अन्य नामजद आरोपियों को भी गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि यदि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र नहीं होती है, तो आने वाले दिनों में वह बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. अशोक भट्टाचार्य ने उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी मदद से ही तृणमूल समर्थक माकपा कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं और माकपा कार्यालयों में तोड़-फोड़ की जा रही है.
उन्होंने कहा कि चुनाव हार जाने से वाममोरचा की ताकत खत्म नहीं हो गई है. राज्य में 34 वर्षो तक वाममोरचा के शासनकाल में विरोधी दलों के कार्यालयों में तोड़-फोड़ जैसी घटनाएं नहीं हुई. फूलबाड़ी में माकपा कार्यालय को पे लोडर के द्वारा पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है. श्री भट्टाचार्य ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि फूलबाड़ी अंचल के तृणमूल कांग्रेस नेता देवाशीष प्रमाणिक ने अपने पे लोडर से माकपा कार्यालय को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है.
उनके खिलाफ भी पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गई है. पुलिस ने इस संबंध में देवाशीष प्रमाणिक को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है. उन्होंने देवाशीष प्रमाणिक के तत्काल गिरफ्तारी की मांग की और पेलोडर को जब्त करने के लिए कहा. उल्लेखनीय है कि माकपा कार्यालय में इस फोड़-फोड़ की घटना के बाद दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शनिवार को दिन के करीब 11 बजे अशोक भट्टाचार्य अपने तमाम नेताओं और समर्थकों के साथ एनजेपी आउट पोस्ट के बाहर अनशन पर बैठे थे. उनके साथ जीवेश सरकार, समन पाठक, मुंशी नुरूल इस्लाम, शंकर घोष आदि नेता भी थे.