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महामाया कालीबाड़ी जमीन विवाद में नया मोड़, मंदिर रखरखाव के लिए हुए कई फैसले
सिलीगुड़ी : गुरुंग बस्ती इलाके में स्थित महामाया कालीबाड़ी को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है. बताया गया है कि पिछले 70 वर्षों से वहां के लोग मंदिर में पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. इसके अलावा पिछले कई वर्षों से उस मंदिर की 20 कट्ठा जमीन की देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय […]
सिलीगुड़ी : गुरुंग बस्ती इलाके में स्थित महामाया कालीबाड़ी को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है. बताया गया है कि पिछले 70 वर्षों से वहां के लोग मंदिर में पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. इसके अलावा पिछले कई वर्षों से उस मंदिर की 20 कट्ठा जमीन की देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय लोगों तथा मंदिर कमेटी के हाथें है. लेकिन तीन-चार महीने से कुछ भूमाफिया जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहे हैं. जमीन पर कब्जे को रोकने तथा मंदिर के विकास के लिए 19 सदस्यों को लेकर नयी मंदिर कमेटी बनायी गयी है. बुधवार को सिलीगुड़ी जनर्लिस्ट क्लब में मीडिया से बात करने के दौरान मंदिर कमेटी के नव निर्वाचित अध्यक्ष संतोष साहा ने यह जानकारी दी.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि उस स्थान पर वर्ष 1951 से ही माता की पूजा होती आ रही है. इसके अलावा वर्ष 1956 में सरकार ने उस जमीन को वेस्ट लैंड घोषित कर दिया था. उनका आरोप है कि पिछले तीन चार महीने से कुछ भूमाफिया उस जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं. श्री साहा के अनुसार भूमाफियाओं का कहना है कि यह जमीन उनकी है. श्री साहा ने बताया कि अगर जमीन उनकी है तो वह इतने दिनों तक कहां थे. इतने दिनों तक तो उस जमीन पर किसी ने भी मालिकाना हक नहीं जताया. उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि केवल गुरुंग बस्ती ही नहीं बल्कि पूरे शहर की जनता की भावना उस मंदिर से जुड़ी हुई है.लोगों की भावना आहत ना हो इसे ध्यान में रखते हुए मंदिर के रख-रखाव व विकास तथा जमीन की रक्षा हेतु स्थानीय लोगों ने 19 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है. नयी कमेटी के उपाध्यक्ष के तौर पर मनोहर सिंह, सचिव पलाश सिन्हा, सपन कुमार घोष, राम भजन महतो, गोपाल साह, श्याम सुंदर सिंह, राजकुमार मन्ना, रामावतार झा, गणेश त्रिपाठी व अन्य सदस्यों को चुना गया है. बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में मंदिर कमेटी की ओर से पलाश सिन्हा के साथ मंदिर कमेटी के अन्य सदस्य उपस्थित थे.
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