सियासी बतकही: चुनाव को लेकर उत्साहित शिल्पांचल की आधी आबादी, महिलाओं की सुरक्षा की मांगी गारंटी

बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में महिला मतदाता अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर मुखर हैं. ये अपनी मांगों को पूरा करने के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और समान अधिकार के मुद्दे को प्राथमिकता दे रही हैं. चुनाव पर चर्चा हुई, तो महिलाओं ने बेबाकी से अपनी राय रखी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2021 12:09 PM

दुर्गापुर : पश्चिम बंगाल में दो चरणों के चुनाव समाप्त हो चुके हैं. 6 चरणों के चुनाव होने बाकी हैं. चुनाव के इस सीजन में शिल्पांचल की महिलाओं को बंगाल की सरकार से काफी उम्मीदें हैं. उनकी कई मांगें भी हैं. शिल्पांचल की आधी आबादी इस चुनाव में अपने मताधिकार को लेकर भी काफी सजग दिख रही हैं.

बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में महिला मतदाता अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर मुखर हैं. ये अपनी मांगों को पूरा करने के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और समान अधिकार के मुद्दे को प्राथमिकता दे रही हैं. चुनाव पर चर्चा हुई, तो महिलाओं ने बेबाकी से अपनी राय रखी.

कॉलेज की छात्रा ट्विंकल सिन्हा का कहना है कि चुनाव में महिलाओं के मुद्दे नदारद हैं. आधी आबादी की वकालत करने वाले सभी राजनीतिक दल चुनाव के मौसम में भी महिलाओं के मुद्दों और उनकी समस्याओं पर मौन हैं. भले घोषणा पत्रों और संकल्प पत्रों में आधी आबादी की बात की गयी हो, लेकिन महिलाएं सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनकर रह जा रही हैं. महिला प्रत्याशी भी महिलाओं की बात नहीं करतीं.

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बैंक अधिकारी स्नेहा शिवानी का कहना है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में गांव के गरीब जो अशिक्षित हैं, जिन्हें बुरा और बहुत बुरा का फर्क नहीं पता है, चुनाव के दौरान उन्हें बरगलाया जाता है. ऐसे लोग चुनाव के प्रति काफी उदासीन होते हैं. इसलिए जो भी चुनाव जीतता है, वह केवल आत्म-उन्नति पर ध्यान केंद्रित कर लेता है. पांच साल तक सत्ता के फल का आनंद लेते हैं और जनता के लिए कुछ नहीं करते. ऐसे में आम लोगों को मतदान का महत्व समझाना जरूरी है.

शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी प्रिया डागा का कहना है कि महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी देने वाले उम्मीदवार को ही विधायक चुनना चाहिए. इससे भयमुक्त माहौल बनेगा. इसके लिए जागरूकता के साथ उम्मीदवारों का चयन करना होगा. हमारे पास ऐसा उम्मीदवार होना चाहिए, जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति जागरूक हो. राज्य तभी आगे बढ़ पायेगा, जब महिलाओं को उच्च शिक्षा मिले. इस चुनाव में ऐसा विधायक चुनकर सामने आये, जो महिलाओं के विकास की बात करें.

बैंक अधिकारी स्मृति शर्मा का कहना है कि पश्चिम बंगाल की जिम्मेदार नागरिक होने के नाते राज्य विधानसभा के चुनाव मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. किसी भी देश के भविष्य की पहली सीढ़ी चुनाव है. नेता सही चुना जाये, तभी देश प्रगति करेगा. इसलिए हमें बहुत सोच-समझकर मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए. मेरी प्रत्याशियों से अपील है कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर और अधिक ध्यान दें. महिला रोजगार के लिए विशेष कदम उठाये जायें, जिससे न सिर्फ महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले, बल्कि राज्य के विकास में आधी आबादी सक्रिय भागीदारी कर सके.

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सामाजिक कार्यों से जुड़ी ममता सरावगी का कहना है कि महिलाओं को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का भरोसा देने वाला, महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाला ही हमारा विधायक होगा. सरकारी नौकरी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाले उम्मीदवार को ही मैं वोट दूंगी. महंगाई जो सुरसा की तरह मुंह खोले खड़ी है, उस पर नियंत्रण होना चाहिए. सरकार को कोरोना काल में स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

Posted By : Mithilesh Jha

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