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बंगाल में मानसून ने दी दस्तक, पूरे राज्य में भारी बारिश के आसार, लगातार बारिश से पानी-पानी कोलकाता

बंगाल में मानसून ने दी दस्तक, पूरे राज्य में भारी बारिश के आसार, लगातार बारिश से पानी-पानी कोलकाता

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मानसून ने शुक्रवार को दस्तक दे दी. अलीपुर स्थित मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में मानसून के साथ कई जिलों में मध्यम तो कई अन्य जिलों मालदा, पूर्व व पश्चिम मेदनीपुर, उत्तर व दक्षिण 24 परगना में गरज के साथ भारी बारिश हुई. अगले 72 घंटों में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से यहां हवाएं चल सकती हैं.

कोलकाता महानगर में अगले 48 घंटों में 50 मिमी बारिश हो सकती है. इसके बाद बारिश धीमी हो जायेगी. बंगाल की खाड़ी पर निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है. बंगाल से ज्यादा ओड़िशा में निम्न दबाव का असर रहेगा. मौसम विभाग ने 11 से 14 जून तक दक्षिण बंगाल में मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान जताया है.

कोलकाता, हावड़ा, उत्तर व दक्षिण 24 परगना, हुगली व अन्य जिलों में रह-रहकर वर्षा हो रही है. निम्न दबाव के कारण चेतावनी दी गयी है कि मछुआरे 14 जून तक समुद्र में न जायें. शुक्रवार को महानगर का अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

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पिछले 24 घंटे में शहर में 1.1 मिलीमीटर बारिश हुई है. उल्लेखनीय है कि 15 जून तक उत्तर बंगाल के दार्जीलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरदुआर में अति भारी बारिश हो सकती है. शुक्रवार को दोपहर से लगातार बारिश ने कोलकाता को पानी-पानी कर दिया. दक्षिण बंगाल के कई जिलों में झमाझम बारिश हुई.

शनिवार को शक्तिशाली होगा निम्न दबाव का असर

शनिवार तक इस निम्न दबाव के क्षेत्र के असर के थोड़ा और शक्तिशाली होने की आशंका है. मौसम विभाग ने कहा है कि निम्न दबाव का सबसे ज्यादा असर ओड़िशा, पश्चिम बंगाल के तटवर्तीय क्षेत्र और छत्तीसगढ़ में देखा जायेगा. इससे बड़े पैमाने पर नुकसान भी हो सकता है. पूर्ण ज्वार के कारण समुद्र में एक बार फिर से ऊंची लहरें उठ सकती हैं. समुद्र में लहरों की वजह से बंगाल के सुंदरवन, हिंगलगंज, पूर्वी मेदिनीपुर के कई स्थानों को लेकर प्रशासन ने चिंता जतायी है.

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तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की चिंता बढ़ी

ज्ञात हो कि इन जगहों पर 26 मई को आये चक्रवाती तूफान यश के कारण नदियों व समुद्र के तटबंध टूट गये थे, जिसकी मरम्मत का काम पूरा नहीं हो सका है. 15 दिनों के अंतराल पर आने वाले दूसरे पूर्ण ज्वार ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है. अमावस्या और सूर्य ग्रहण के प्रभाव से समुद्र में ऊंची लहरे उठने की संभावना है और यदि निम्न दबाव का क्षेत्र और गहरा होता है, तो 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.

दक्षिण-पूर्वी हवाएं चलीं, तो समुद्र में उठेंगी ऊंची लहरें

मौसम विभाग ने आशंका व्यक्त की है कि यदि पूर्वी अथवा दक्षिण-पूर्वी हवाएं बहती हैं, तो समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ सकती हैं. इस वजह से तटवर्तीय इलाकों के लोगों को भी जागरूक किया गया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, हावड़ा व झारग्राम में भारी बारिश होने की संभावना है.

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गुरुवार (11 जून) को ही हाइटाइड का अलर्ट था, लेकिन समुद्र में लहरें बहुत अधिक ऊंची नहीं उठी, जिसकी वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ. लेकिन, सरकार रिस्क नहीं लेना चाहती और अभी भी तटीय क्षेत्रों में अलर्ट बरकरार है. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि जून महीने के मध्य से सितंबर तक बारिश का मौसम रहेगा. इस बार भीषण गर्मी की तरह भारी बारिश भी होगी.

Posted By: Mithilesh Jha

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