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नेताजी से संबंधित फाइलों की जांच के लिए बने एसआइटी
कोलकाता: नेताजी के जीवन व उनकी गुमशुदगी से संंबंधित जितने भी फाइल केंद्र व राज्य सरकार ने सार्वजनिक किये हैं, उन फाइलाें की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया जाना चाहिए, क्योंकि सिर्फ फाइलाें को सार्वजनिक करने से कुछ नहीं होता. इसकी जांच भी होनी चाहिए. ऐसी ही मांग प्रदेश भाजपा […]
कोलकाता: नेताजी के जीवन व उनकी गुमशुदगी से संंबंधित जितने भी फाइल केंद्र व राज्य सरकार ने सार्वजनिक किये हैं, उन फाइलाें की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया जाना चाहिए, क्योंकि सिर्फ फाइलाें को सार्वजनिक करने से कुछ नहीं होता. इसकी जांच भी होनी चाहिए. ऐसी ही मांग प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष व नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने की है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास अभी भी कई फाइलें हैं, उनको सार्वजनिक नहीं किया गया है, उन फाइलों की भी जांच होनी चाहिए. नेताजी की गुमशुदगी आज भी देश के लिए एक रहस्य है और इस रहस्य पर से पर्दा उठना ही चाहिए.
क्या है मामला : गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर एक आरटीआई आवेदन का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने पहली बार स्वीकार किया है कि 1945 में एक विमान हादसे में उनकी ताइवान में मौत हो गई. वहीं, इस जवाब पर नाखुशी जताते हुए नेताजी के पोते व भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्र कुमार बोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है. साथ ही अधिकारियों को फर्जी रिपोर्ट देने से मना करने को भी कहा है. चंद्र कुमार बोस ने कहा कि मामला इतना आसान नहीं है. यह बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना जवाब है. प्रधानमंत्री को जरूर मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और अधिकारियों को इस तरह का जवाब नहीं देने का निर्देश देना चाहिए.
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