स्थानीय लोगों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में आरपीएफ के जवान कमांडेंट पीके सिंह तथा एनजेपी के आरपीएफ इंस्पेक्टर विप्लव मजुमदार के नेतृत्व में यहां रेलवे की जमीन से अवैध कब्जा हटाने आये. उसके बाद ही स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. स्थिति तब बिगड़ गयी, जब आरपीएफ ने उस इलाके में स्थित एक शिव मंदिर की चहारदीवारी तोड़ने की कोशिश की. उसके बाद ही स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि शिव मंदिर के पास ही रेलवे की ही जमीन पर एक मसजिद भी है.
उसको तोड़ने की कोशिश नहीं की गयी, जबकि शिव मंदिर पर सभी ने धावा बोल दिया. इस घटना के बाद ही स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क गया और बड़ी संख्या में लोग आरपीएफ जवानों पर पिल पड़े. लोगों का गुस्सा देख कई आरपीएफ कर्मचारी मौके से जान बचाकर भागे. चार जवानों को स्थानीय लोगों ने पकड़ कर पास स्थित एक क्लब के कमरे में बंधक बना लिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि अचानक 10-12 जवान आये और शिव मंदिर परिसर में तोड़फोड़ करने लगे. इसी बात का विरोध किया गया है.
जमीन खाली कराने संबंधी नोटिस की मांग जब आरपीएफ जवानों से की गयी, तो वह लोग कोई भी नोटिस नहीं दिखा पाये. स्थानीय लोगों ने आगे कहा कि यह मंदिर काफी पुराना है. इसे किसी भी कीमत पर नहीं तोड़ने दिया जायेगा. बाद में आरपीएफ जवानों के बंधक बनाये जाने की खबर एनजेपी थाना पुलिस को मिली. बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और बंधक बने आरपीएफ जवानों को छुड़ाया. एनजेपी थाने के ओसी दीपांजन दास ने बताया है कि शिव मंदिर कमेटी की ओर से आरपीएफ कमांडेंट पीके सिंह तथा इंस्पेक्टर विप्लव मजूमदार के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. इस घटना के बाद से ही साउथ कालोनी इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. वहां पुलिस पिकेटिंग लगा दी गयी है.