हालांकि सरकारी एवं निजी अस्पतालों के पास दो-तीन दुकानों को खुला रखा गया था. संगठन की ओर से सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक हड़ताल का निर्णय लिया गया था. लेकिन मरीज को परेशानी ना हो इसके मद्देनजर मात्र 4 घंटे का बंद रखा गया. बीसीडीए की ओर से स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्चार्य को ज्ञापन सौंपा गया. मंत्री ने मांगों को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है.
श्री घोष ने यह दावा किया कि इस बंद से लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई है. बाते दें कि बंद का सबसे अधिक प्रभाव उत्तर प्रदेश में देखा गया. यहां लगभग 70 फीसदी दुकानें बंद थीं. इसके अलावा हरियाणा, ओडिशा, मध्य प्रदेश में भी बंद का असर दिखा.