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कोलकाता स्मोक फ्री रैली 2017 निकली

कोलकाता : एक रिपोर्ट की मानें, तो 20वीं सदी के अंत तक सिगरेट पीने के कारण लगभग 6.20 करोड़ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. विकसित देशों में हर छठी मौत सिगरेट के कारण होती है. पूरे विश्व के लोगों को तंबाकू मुक्त, स्वस्थ बनाने व तंबाकू से होनेवालीं बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक […]

कोलकाता : एक रिपोर्ट की मानें, तो 20वीं सदी के अंत तक सिगरेट पीने के कारण लगभग 6.20 करोड़ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. विकसित देशों में हर छठी मौत सिगरेट के कारण होती है.
पूरे विश्व के लोगों को तंबाकू मुक्त, स्वस्थ बनाने व तंबाकू से होनेवालीं बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के इरादे से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी. प्रत्येक वर्ष 31 मई को पूरे विश्व में विश्व तंबाकू निषेध दिवस का पालन किया जाने लगा. कोलकाता को तंबाकू मुक्त करने के लिए यूडियस और फोरम फॉर दुर्गोत्सव अपने स्तर पर कार्यरत है. कोलकाता नगर निगम की (केएमसी) ने पहले ही घोषणा की थी कि उनकी योजना कोलकाता को स्मोक-फ्री बनाने की है.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में चलाये अभियान के तहत ही उद्यास और फोरम फॉर दुर्गोत्सव की ओर से महानगर में जागरूकता रैली ‘कोलकाता स्मोक फ्री रैली 2017’ निकाली गयी. रैली में कोलकाता नगर निगम, कोलकाता पुलिस, डब्ल्यूएचओ-इंडिया, सीएफआइ का सहयोग प्राप्त रहा. रविवार को अपराह्न 3.30 बजे कोलकाता नगर निगम में मेयर परिषद सदस्य देवाशीष कुमार, फुटबॉलर पीके बनर्जी, दीपेंदु बरूआ, सुशांत पाल, फोरम फॉर दुर्गोत्सव के अध्यक्ष पार्थ घोष, यूडियस के प्रदीप्त साहा समेत अन्य विशिष्ट लोगों की मौजूदगी में महानगर के देशप्रिय पार्क से जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखायी गयी.
रैली ट्राइंगुलर पार्क, गरियाहाट, गोलपार्क, पूर्णदास रोड से गुजरते हुए वापस देशप्रिय पार्क आकर समाप्त हुई. रैली में लगभग एक हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. रैली की समाप्ति के बाद देशप्रिय पार्क में अभिषेक बसु और मल्लार घोष के नेतृत्व में सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुआ. चार वर्षों से स्मोक-फ्री दुर्गापूजा नामक अभियान यूडियस द्वारा चलाया जा रहा है. इसमें पब्लिक हेल्थ लॉ (सीओटीपीए) 2003 के नियम से भी लोगों को अवगत कराया जाता रहा है.
प्रदीप्त साहा का कहना है कि वर्ष 2013 में जागरूकता अभियान के तहत ही स्मोक फ्री दुर्गापूजा अवार्ड की लांचिंग की गयी थी. इसका मकसद था कि ज्यादा से ज्यादा लोग तंबाकू के सेवन से होनेवाले खतरे के बारे में जान पायें और तंबाकू के सेवन से बचें. प्रति वर्ष लगभग 250 से ज्यादा पूजा कमेटियां अवार्ड के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं. पूजा मंडप में साज-सज्जा के माध्यम से तंबाकू के सेवन से होनेवाले खतरे का बेहतर संदेश लोगों तक पहुंचानेवालीं पूजा कमेटियों को अवार्ड से नवाजा जाता है.

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