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सिर्फ अपने घर की सफाई तक ही सीमित ना रहें

कोलकाता : स्वच्छता के प्रति सरकार व नगर निगम के साथ हरेक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. आमलोग के सहयोग के बिना शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं रह सकती. लोगों को सिर्फ अपने घर की सफाई तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए. उन्हें आस-पड़ोस और इलाके की सफाई की जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए. […]

कोलकाता : स्वच्छता के प्रति सरकार व नगर निगम के साथ हरेक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. आमलोग के सहयोग के बिना शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं रह सकती. लोगों को सिर्फ अपने घर की सफाई तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए. उन्हें आस-पड़ोस और इलाके की सफाई की जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए. ये बातें प्रभात खबर की ओर से आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने कही.
परिचर्चा का विषय स्वच्छता : कितने जागरूक लोग था. मौके पर मौजूद लोगों ने स्वच्छता की शपथ ली. परिचर्चा का आयोजन सूर्यसेन स्ट्रीट इलाके में किया गया था. इसकी अध्यक्षता समाजसेवी प्रकाश पांडेय और संचालन सामाजिक कार्यकर्ता काली प्रसाद जायसवाल दुबेला ने किया.
प्रकाश पांडेय (सामाजिक कार्यकर्ता) : स्वच्छता के प्रति आम लोगों के साथ प्रशासन को भी सजग होना होगा. हमारे देश में नदी की पूजा होती है लेकिन उसे हम गंदा करने से नहीं चूकते. कल-कारखानों का कचरा और आम लोगों द्वारा फैलायी गयी गंदगी का अधिकतर हिस्सा नदियों में प्रवाहित कर दिया जाता हैं. इस पर रोक लगाने की जरूरत है.
डॉ एपी राय (प्रधानाध्यापक) : साफ-सफाई के लिए आम लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. अपने आसपास की सफाई करें. यदि कोई गंदगी फैला रहा है तो उसे रोकें. स्वच्छता को लेकर तमाम स्कूलों में अभियान चलाया जाये.
सागर प्रसाद माली (सामाजिक कार्यकर्ता) : स्वच्छता के लिए कड़ा कानून बनाये जाने की जरूरत है. यदि कोई गंदगी फैला रहा है तो उससे जुर्माना लिया जाये. कानून के भय से कई लोगों की इधर-उधर कूड़ा फेंकने की प्रवृत्ति में सुधार होगा.
सुनील राय (नेता) : महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वच्छता ईश्वर का दूसरा रूप है. परिवेश साफ रखने की जिम्मेदारी किसकी है? इसमें दो राय नहीं है कि यह जिम्मेदारी हमारी यानी लोगों की ही है. हमें खुद को पहले जागरूक होने की जरूरत है. देश हमारा है और इसे स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है.
काली प्रसाद जायसवाल दुबेला (सामाजिक कार्यकर्ता) : स्वच्छता के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं. स्वच्छता को लेकर सरकार के अभियान का प्रभाव हो रहा है. गांवों में स्वच्छता के लिए अभियान जारी हैं. यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में लोगों के खुले में शौच करने की आदत में कमी आ रही है. स्वच्छता को लेकर जहां कमी हैं वहां सरकार-प्रशासन के साथ आम लोगों को और सचेत होने की जरूरत है.
मोहम्मद अफसर : साफ-सफाई केवल प्रचार और प्रसार से नहीं हो सकती. इसके लिए कार्य करने की जरूरत है. सरकार अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाये और नागरिक अपने दायित्व का निर्वहन करें.
राजेश कुमार जायसवाल : सबसे पहले स्कूल के बच्चों को साफ-सफाई के बारे में जागरूक करने की जरूरत है. इसके लिए अभिभावकों और शिक्षकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी होगी. घर को स्वच्छ रखने की आदत होगी तभी आसपास के परिवेश को साफ रखने की आदत बनेगी.
अर्धेंदु बागची : साफ-सफाई की शुरूआत सबसे पहले अपने घर से हो. उसके बाद आस-पास के इलाके की सफाई के लिए लोग कदम उठायें. स्वच्छता के लिए सख्त कानून की भी जरूरत है.
राजेश कुमार जायसवाल : साफ-सफाई के लिए सबसे पहले हमें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है. यानी हमें अपने घर के साथ परिवेश की सफाई की पहल भी करनी होगी.
परिचर्चा में शिव प्रसाद साव, चंद्र गुप्त समेत अन्य लोग भी मौजूद थे.

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