उन्होंने हालांकि इस बात पर दुख भी जताया कि चिकित्सा पेशे में ‘सेवा’ का सिद्धांत अब कम होता जा रहा है. उन्होंने चिकित्सा पेशेवरों से फिर से वह ‘मानवीय संवेदना’ लेकर आने का अनुरोध करते हुए कहा कि एक मुस्कुराता हुआ चेहरा हजारों जिंदगियां ठीक कर सकता है. राष्ट्रपति मुखर्जी यहां इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड डायजेस्टिव साइंसेज (आइआइएलडीएस) के उदघाटन के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे.
बाद में राज्य सरकार ने इस संबंध में एक विधेयक भी पास किया था जिसका उद्देश्य पारदर्शिता लाना, मरीजों का उत्पीड़न रोकना और डॉक्टरों की लापरवाही पर अंकुश लगाना था. इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चिकित्सकों को लोगों की भावनाओं को समझते हुए मुस्कान के साथ सेवा प्रदान करनी चाहिए. चिकित्सा कोई धन कमाने का उद्योग नहीं है, यह सेवा कार्य है. इस मौके पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.