मुख्यमंत्री ने इस फार्मूले को स्पष्ट करते हुए कहा कि तीन भाषाआें में एक बांग्ला होगा. दो अन्य विकल्प पूरी तरह से विद्यार्थियों के चयन पर निर्भर करेंगे. उन्होंने कहा कि इस पद्धति से उन्हें क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचने में मदद मिलेगी. सुश्री बनर्जी ने कहा कि बंगाल सभी भाषाआें एवं सभी राज्यों की भाषाआें का सम्मान करता है. हमारा तीन-भाषा फार्मूला दिखाता है कि हम क्या चाहते हैं.
भारत एक विशाल देश है आैर हमारे देश की ताकत विविधता में एकता है. उन्होंने कहा कि हमें हर किसी की मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए आैर हर क्षेत्रीय भाषा को उसका महत्व देना चाहिए. हम पसंद की स्वतंत्रता आैर तीन-भाषा फार्मूला में विश्वास रखते हैं. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह बयान राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा की गयी इस घोषणा के एक दिन बाद आया है कि अब से पश्चिम बंगाल में छात्रों को कक्षा एक से 10 तक बांग्ला अनिवार्य रूप से पढ़ना होगा. सोमवार रात शिक्षा मंत्री ने यह भी एलान किया था कि पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अलावा अन्य बोर्ड से संबंधित अंगरेजी मीडियम के स्कूलों को भी बांग्ला भाषा को दूसरी या तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने के लिए प्रावधान करना होगा.