स्वाभाविक रूप से इसको लेकर वन विभाग की नींद उड़ गयी है. अब वन विभाग ने सिर्फ सिलीगुड़ी के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) बनाने का निर्णय लिया है. वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अपने भौगोलिक बनावट की वजह से सिलीगुड़ी वन्य जीवों तथा वन उत्पादों की तस्करी का मुख्य अड्डा बन गया है. नेपाल, भूटान तथा बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय तस्कर के साथ ही सिक्किम तथा पूर्वोत्तर राज्यों के तस्कर सिलीगुड़ी में सक्रिय हैं. इस प्रकार के तस्करों को लगाम लगाने के लिए यह जरूरी है कि सिर्फ सिलीगुड़ी के लिए ही एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन हो. इस मुद्दे को लेकर हाल ही में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई थी और उसी में टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया गया. उसके बाद प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट ने टास्क फोर्स बनाने की मंजूरी दे दी है.
इनके द्वारा इस साल 17 अप्रैल को ही पत्रांक संख्या 03/एसओ/सीएस/2एम-1304/17 जारी कर टास्क फोर्स बनाने के लिए कहा गया है. इस पत्र में यह भी कहा गया है कि टास्क फोर्स का मुख्यालय सिलीगुड़ी अथवा सिलीगुड़ी के निकट बेलाकोवा में होना चाहिए. इस टास्क फोर्स के प्रमुख रेंज ऑफिसर होंगे, जबकि एसटीएफ के पूर्ण देखरेख की जिम्मेदारी बैकुंठपुर डिवीजन के डीएफओ को दी गयी है.