बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ यहां काफी लैब भी बनी हुई हैं. 2014 में कई स्कॉलरों को लिया गया था, लेकिन उनका अनुसंधान पूरा नहीं होने के कारण अन्य स्कॉलरों को नहीं लिया गया. अब गवर्निंग बॉडी ने इसकी मंजूरी दे दी है. डॉक्टोरल कमेटी बैठ कर इस मसले पर बातचीत करेगी. यूनिवर्सिटी को यह सुझाव दिया गया है कि स्कॉलर्स को दाखिला देने के लिए टेस्ट का संचालन करे. इस प्रक्रिया में नेट-क्वालीफाइड आवेदकों को भी दाखिला दिये जाने की बात कही गयी है.
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प्रेसिडेंसी में अक्तूबर से पीएचडी के लिए दाखिला
कोलकाता: प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए दाखिले की प्रक्रिया को काफी समय पहले ही रोक दिया गया था. अब इस प्रक्रिया में बदलाव करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फिर से पीएचडी स्कॉलर को दाखिला देने का फैसला किया है. यूनिवर्सिटी में अपर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर होने के कारण पीएचडी की प्रक्रिया तीन साल तक रोक कर […]
कोलकाता: प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए दाखिले की प्रक्रिया को काफी समय पहले ही रोक दिया गया था. अब इस प्रक्रिया में बदलाव करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फिर से पीएचडी स्कॉलर को दाखिला देने का फैसला किया है. यूनिवर्सिटी में अपर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर होने के कारण पीएचडी की प्रक्रिया तीन साल तक रोक कर रखी गयी थी. यूनिवर्सिटी द्वारा अपना पहला व पीएचडी स्कॉलर के लिए अब तक का एकमात्र टेस्ट रिसर्च एप्टीट्यूट टेस्ट के जरिये पीएचडी को मंजूरी दी गयी है.
इस विषय में रजिस्ट्रार देवज्योति कोनार ने बताया कि अक्तूबर से हम लोग पीएचडी में दाखिला शुरू करेंगे. पीएचडी में दाखिले में यूजीसी की नयी गाइडलाइन के अनुसार ही काम करना पड़ेगा. वर्ष 2014 से कोई भी ऐसा टेस्ट नहीं लिया गया था, जिससे पीएचडी के लिए आवेदन किया जा सके, क्योंकि यूनिवर्सिटी में स्कॉलर्स के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं था. अब इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करते हुए प्रेसिडेंसी के ब्रेकर बिल्डिंग में इस सुविधा के लिए व्यवस्था की गयी है. इस बिल्डिंग में पहले से ही विज्ञान के विभिन्न विभाग हैं, इसमें फिजिक्स व बायोलोजिकल साइंसेस के विभाग मुख्य हैं.
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