अगर ऐसा नहीं होता है तो इस उद्योग पर संकट आ जायेगा. उनके उद्योग पर जीएसटी की दर यदि 1.25 फीसदी से अधिक होती है तो इससे नियमों का पालन न करने का चलन बढ़ेगा. इसके अलावा जीजेएफ ने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान की सूरत में बैंकों से शुल्क न लेने की मांग की है. सरकार से उन्होंने मांग की है कि वे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दें न कि इस पर शुल्क लगाने को.
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जीएसटी की दर 1.25 फीसदी से अधिक नहीं करने की मांग
कोलकाता: ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन(जीजेएफ) ने जीएसटी के तहत कर को 1.25 फीसदी से अधिक नहीं रखने की मांग की है. जीजेएफ के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने सरकार के पास अपना पक्ष रखा है. इसके अलावा 17 राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ भी उन्होंने बैठक […]
कोलकाता: ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन(जीजेएफ) ने जीएसटी के तहत कर को 1.25 फीसदी से अधिक नहीं रखने की मांग की है. जीजेएफ के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने सरकार के पास अपना पक्ष रखा है. इसके अलावा 17 राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ भी उन्होंने बैठक की है. उनका यह भी कहना था कि जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग से जुड़े उद्यमियों की सालाना आय 50 लाख होने पर ही उन पर जीएसटी लगायी जाये.
इधर जीजेएफ की ओर से जीएसटी से संबंधित एक सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है जो जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग से जुड़े लोगों के लिए लिए कारगर होगा. इसके अलावा देश के 100 शहरों में जीएसटी के बारे में उद्यमियों को शिक्षित किया जायेगा. साथ ही जीएसटी पर एक किताब प्रकाशित की जा रही है जिसमें जीएसटी संबंधित सभी जानकारियां होंगी. जीजेएफ की ओर से महानगर में प्रीफर्ड मैन्युफैक्चरर्स मीट (पीएमआइ) का आयोजन किया गया है. यह मीट 29 मार्च तक चलेगी जिसमें करीब 2200 रिटेलर व उत्पादक नेटवर्किंग मीटिंग कर रहे हैं.
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