वर्षों से ऐसा चल रहा है. गोरखालैंड बनने से यह स्थिति बदल जायेगी. बाद में श्री मोदी ने सकारात्मक जवाब देने की बात कही. यह जानकारी दिल्ली से मोरचा के केंद्रीय सहसचिव विनय तामांग ने दी है. इस दौरान मोरचा टोली ने गोरखा समुदाय की 11 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने, दार्जिलिंग में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने जैसी मांगें भी उठायीं. श्री मोदी के साथ हुई भेंटवार्ता में श्री गुरुंग के अलावा रोशन गिरि, केंद्रीय सहसचिव विनय तामांग आदि मौजूद थे.
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पीएम मोदी से मिले विमल गुरुंग, कहा देश की सुरक्षा के लिए गोरखालैंड बनना जरूरी
दार्जिलिंग. अलग गोरखालैंड राज्य गठन की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भेंट की. दिल्ली स्थित संसद भवन में गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग के नेतृत्व में एक टीम ने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की. साथ में दार्जिलिंग के भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री सुरेंद्र सिंह अहलुवालिया […]
दार्जिलिंग. अलग गोरखालैंड राज्य गठन की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भेंट की. दिल्ली स्थित संसद भवन में गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग के नेतृत्व में एक टीम ने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की. साथ में दार्जिलिंग के भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री सुरेंद्र सिंह अहलुवालिया भी उपस्थित थे. भेंटवार्ता के दौरान श्री गुरुंग ने अलग गोरखालैंड राज्य गठन की मांग को लेकर पीएम को ज्ञापन भी सौंपा.
विमल गुरुंग ने दार्जिलिंग, तराई व डुवार्स को सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील बताते हुए देशहित में अलग गोरखालैंड का गठन होना जरूरी बताया. इस इलाके में घुसपैठ के कारण देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है.
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