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सतर्कता: हाइ अलर्ट के मद्देनजर कड़ी जांच से आयातकों को हो रही परेशानी, बंदरगाहों पर कंटेनरों का जमावड़ा
कोलकाता: केंद्रीय राजस्व खुफिया निदेशालय की जाली नोट व निषिद्ध माल की अवैध तस्करी की सूचना के मद्देनजर बंदरगाहों व हवाइ अड्डों पर सुरक्षा जांच कड़ी कर दी गयी है. विदेश से आनेवाले आयातित कंटेनरों व माल की कड़ी सुरक्षा जांच की जा रही है, हालांकि कलकत्ता कस्ट्मस हाउस एजेंट्स एसोसिएशन, आयातकों व चेंबर ऑफ […]
कोलकाता: केंद्रीय राजस्व खुफिया निदेशालय की जाली नोट व निषिद्ध माल की अवैध तस्करी की सूचना के मद्देनजर बंदरगाहों व हवाइ अड्डों पर सुरक्षा जांच कड़ी कर दी गयी है. विदेश से आनेवाले आयातित कंटेनरों व माल की कड़ी सुरक्षा जांच की जा रही है, हालांकि कलकत्ता कस्ट्मस हाउस एजेंट्स एसोसिएशन, आयातकों व चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों ने बंदरगाहों में सुरक्षा व जांच के नाम पर परेशान करने व माल को नष्ट करने का अारोप लगाया है. इसके मद्देनजर कलकत्ता कस्ट्म्स हाउस एजेंट्स एसोसिएशन और चेंबर के प्रतिनिधियों ने कस्ट्म्स के आयुक्त (बंदरगाह व हवाइ अड्डा) एनके सोरेन को ज्ञापन दिया है तथा आयातकों को होनेवाली परेशानी की ओर उसका ध्यान आकर्षित किया है.
एसोसिएशन का आरोप
कलकत्ता कस्ट्म्स हाउस एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुजीत चक्रवर्ती का आरोप है कि सुरक्षा अर्ल्ट की चेतावनी के बाद निचले स्तर पर सुरक्षा व जांच के नाम पर आयातकों को परेशान किया जा रहा है. फिलहाल सऊदी अरब, बांग्लादेश, पाकिस्तान व श्रीलंका से अानेवाले माल की पूरी जांच का प्रावधान है, लेकिन एसीपी/एइओ/सेज के कंटेनरों को भी लगभग 40 से 50 फीसदी खोल कर जांच की जा रही है. आरएमएस माल की भी 100 फीसदी जांच हो रही है. इससे न केवल माल नष्ट हो जा रहा है, वरन इसे बंदरगाह से बाहर ले जाने में भी परेशानी हो रही है. एसीपी/एइओ कंटेनर्स को डिलिवरी में प्राथमिकता दी जानी चाहिए, लेकिन इसमें विलंब होने से परेशानी हो रही है.
3000 से अधिक कंटेनर हैं पड़े
श्री चक्रवर्ती का आरोप है कि बंदरगाहों पर माल का जमावड़ा हो गया है. कलकत्ता व हल्दिया बंदरगाह पर लगभग 3000 से अधिक कंटेनर पड़े हैं. इनमें से कई की जांच अभी बाकी है. बंदरगाहों पर पहले ही श्रमिकों की कमी है. माल पड़े रहने के कारण और समस्या उत्पन्न हुई है तथा माल की निकासी नहीं हो रही है. इससे न केवल समय की खपत हो रही है, वरन आयातक परेशान हो रहे हैं. माल की आपूर्ति में ज्यादा समय लगने से कीमत बढ़ रही है. माल की निकासी में हड़बड़ी के कारण कहीं न कहीं भ्रष्टाचार को भी प्रश्रय मिल रहा है. हालांकि उच्च स्तर के अधिकारियों द्वारा केवल जांच के निर्देश दिये गये हैं तथा उन लोगों से हम सहमत हैं, लेकिन निचले स्तर पर बिना नियमों का पालन किये सभी वर्ग के आयातकों के साथ एक ही तरह की जांच पद्धति का अनुशरण किया जा रहा है. इससे आयातकों को परेशानी हो रही है. अगर ऐसा ही रहता है, तो उन लोगों का ट्रेड ही बंद हो जायेगा.
करें सहयोग, जल्द दूर होगी असुविधा : सोरेन
कस्ट्म्स के आयुक्त (बंदरगाह व हवाइ अड्डा) एनके सोरेन का कहना है कि केवल कलकत्ता व हल्दिया के बंदरगाहों पर ही सुरक्षा जांच कड़ी नहीं की गयी है, वरन देश के अन्य भागों में भी यह जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा उन लोगों की प्राथमिकता है. हालांकि यह सही है कि आयातकों को कुछ परेशानी हो रही है, लेकिन यह परेशानी कुछ दिनों की है. इसमें सभी को सहयोग करना चाहिए. सुरक्षा जांच में हर संभव सहयोग करना चाहिए. इस बारे में निचले स्तर के सुरक्षा अधिकारियों व जांच अधिकारियों से उनकी बातचीत हुई है तथा कस्ट्म्स के प्रावधान व नियमों के मद्देनजर जांच का निर्देश दिया गया है. कलकत्ता पोर्ट ट्रस्ट, एसोसिएशन व चेंबर के प्रतिनिधियों ने भी उनकी बातचीत हुई है और सभी से सहयोग की अपील की गयी है. बंदरगाहों पर वरिष्ठ अधिकारियों व संयुक्त आयुक्त को भी भेजा गया है. वह खुद ही पूरी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. आयातकों की असुविधा शीघ्र ही दूर होगी.
18 मार्च को जारी हुई थी सतर्कता
राजस्व खुफिया निदेशालय ने 18 मार्च को सतर्कता जारी की थी कि बंदरगाहों पर जाली नोट व अन्य निषिद्ध माल की तस्करी का कंसाइनमेंट आने की सूचना मिली है. इसके मद्देनजर हवाइ अड्डों व बंदरगाहों पर आयातित माल की जांच का दायरा बढ़ा देने का निर्देश दिया गया था. इस सतर्कता के मद्देनजर चेन्नई, मुंबई सहित देश के अन्य बंदरगाहों की सुरक्षा व्यवस्था व जांच बढ़ा दी गयी है. बंदरगाह प्रबंधन किसी प्रकार की सुरक्षा में कोताही नहीं बरतना चाहता है.
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