गौरतलब है कि मुस्ताव हुसैल सहित छह लोगों ने इस संबंध में हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि चार दिसंबर 2016 को लाइब्रेरी में मैनेजिंग कमेटी का चुनाव हुआ था और इस चुनाव में मुस्ताव हुसैन ने जीत हासिल की थी, लेकिन उनको प्रशासन पद का दायित्व नहीं दिया गया जबकि राज्य सरकार ने अब्दुल कय्यूम अंसारी को लाइब्रेरी का प्रशासक नियुक्त कर दिया.
इसके खिलाफ मुस्ताव हुसैन ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं, मध्य हावड़ा में स्थित यह ऐतिहासिक लाइब्रेरी काफी दिनों से बंद है क्योंकि अब्दुल कय्यूम अंसारी लाइब्रेरी में ताला लगा कर चाबी अपने साथ ले गये हैं. मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही अब्दुल कय्यूम अंसारी ने भी अपनी नियुक्ति जायज करार देते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की है और उनको भी अपना पक्ष रखने की अनुमति देने की मांग की है, जिसे हाइकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.