जाली नोट को बनाकर उसे कहां चलाने का आरोपियों का इरादा था, कब से ये लोग दो-दो हजार रुपये के जाली नोट बना रहे थे, इन सवालों का जवाब एजेंसी के अधिकारियों की तरफ से पूछा गया था. इसमें से कई सवालों के जवाब उन्हें मिल चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ रिजर्व बैंक की तरफ से भी जब्त जाली नोट में मौजूद स्कियोरिटी फिचर्स के बारे में उनसे जानकारी मांगी गयी.
कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (5) सह संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) विशाल गर्ग ने बताया कि पुलिस सभी गिरफ्तार आरोपियोें से पूछताछ कर रही है. जल्द इस मामले में कई अहम जानकारियों के पता लगने की उम्मीद है. पुलिस की जांच पूरी होने के बाद अन्य एजेंसिया इन्हें अपने हिफाजत में लेना चाहेंगी तो अदालत के निर्देश पर इन सभी को उनके हवाले किया जा सकता है.