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अग्निरोधक कमेटी की भूमिका पर उठे सवाल

कोलकाता. बड़ाबाजार के लगभग 75 प्रतिशत इमारतों में अग्निशमन व्यवस्था नहीं के बराबर है. आमरी कांड के बाद राज्य सरकार ने यहां की बहुमंजिली इमारतों की अग्निशमन व्यवस्था की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में कोलकाता नगर निगम, कोलकाता पुलिस, दमकल विभाग, बिजली विभाग व आपदा प्रबंधन के अधिकारियों को […]

कोलकाता. बड़ाबाजार के लगभग 75 प्रतिशत इमारतों में अग्निशमन व्यवस्था नहीं के बराबर है. आमरी कांड के बाद राज्य सरकार ने यहां की बहुमंजिली इमारतों की अग्निशमन व्यवस्था की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में कोलकाता नगर निगम, कोलकाता पुलिस, दमकल विभाग, बिजली विभाग व आपदा प्रबंधन के अधिकारियों को रखा गया था, जो महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में बहुमंजिली इमारतों का दौरा कर वहां की व्यवस्था पर रिपोर्ट पेश करते थे.

आमरी कांड के बाद कमेटी ने कुछ तत्परता तो दिखायी थी, लेकिन वह अल्पकालिक थी, जो समय के साथ कम होती गयी. राज्य सरकार द्वारा गठित इस कमेटी की भूमिका पर ही सवाल उठने लगे हैं. क्योंकि महानगर में अग्निकांड की घटनाएं कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, महानगर के अधिकांश बहुमंजिली इमारतों में अग्निशमन व्यवस्था काफी लचर है.

खासकर, महानगर का औद्योगिक क्षेत्र बड़ाबाजार में तो इसकी स्थिति बेहद खराब है. बड़ाबाजार में अग्निशमन व्यवस्था तो ना के बराबर है, जिसकी वजह से यहां आग लगने के बाद उस पर तुरंत काबू पाना काफी मुश्किल होता है. विशेषज्ञों ने तो अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बड़ाबाजार क्षेत्र तो लाक्षागृह के समान है. इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा बनायी गयी कमेटी ने 2000 इमारतों के बारे मेंं रिपोर्ट भी पेश की थी, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं के बराबर हुई. साथ ही रिपोर्ट में यह कहा गया था कि बड़ाबाजार में लगभग 75 फीसदी इमारतों में अग्निशमन व्यवस्था संतोषजनक नहीं है, व्यवसायी समितियों को इस बारे में कमेटी ने सतर्क भी किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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