अदालत सूत्रों के मुताबिक 2016 में राज्य पुलिस की एंटी क्रप्शन शाखा में व्यापारी मनोज अग्रवाल ने शिकायत की थी कि इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने के बदले कस्टम्स के कुछ अधिकारी उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं.
इस मामले में संदीप नंदी नामक कस्टम्स के अधिकारी को पहले गिरफ्तार किया गया था. उससे पूछताछ के बाद राणाडे के नाम पर वारंट जारी किया गया था. इस पर कस्टम्स के डिप्टी कमिश्नर सुनील एन राणाडे ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन वह खारिज हो गयी. इसके बाद गुरुवार को उन्होंने बैंकशाल कोर्ट के सीबीआइ स्पेशल (3) कोर्ट में उन्होंने सरेंडर कर जमानत की मांग की. लेकिन सुनवाई के दौरान अदालत ने उन्हें पांच दिनों के लिए सीबीआइ के हिफाजत में भेजने का निर्देश दे दिया.